अगर आप दिल्ली एनसीआर में रहते हैं तो आज आपके लिए इम्तिहान का दिन है. पंजाब. हरियाणा और यूपी से किसान दिल्ली आने लगे हैं. इसकी वजह से दिल्ली से सटी तमाम सीमाओं पर ट्रैफिक जाम लग गया है. दरअसल न्यूनतम समर्थन मूल्य अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन की ये नई किश्त है. किसानों को मनाने के लिए सोमवार को करीब पांच घ्ंटे लंबी वार्ता चली. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा इस बैठक में शामिल थे. लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी चाहते थे. इसी पर बात बिगड़ गई.
उसके बाद किसान नेताओं ने आर-पार की जंग का ऐलान करते हुए कह दिया कि, दिल्ली कूच होकर रहेगा... गाजीपुर, सिंघु, संभू, टिकरी समेत सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. वहीं, पुलिस ने भी साफ कर दिया है कि, किसानों की आड़ में उपद्रवियों ने अगर कानून व्यवस्था में खलल डालने की कोशिश की तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
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केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया, "सिंचाई योजनाओं के लिए मोदी सरकार ने डेढ़ गुना ज्यादा यानी लगभग ₹15 हजार 500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. अंत में प्रदर्शनकारियों को मानने के सवाल पर अनुराग ठाकुर ने कहा, "किसी भी बात का हल चर्चा से ही निकलता है. गांधी के देश में बातचीत से रास्ते निकलते हैं. आप हाल के कतर का उदाहरण ले सकते हैं जहां पीएम मोदी ने नेतृत्व कर, बातचीत के जरिए हमारे आठ पूर्व नौ सैनिकों की कुशल घर वापसी कराई."
अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्रदर्शनकारियों को समझना चाहिए कि एकदम से नए मुद्दों को चर्चा में जोड़ते रहने से उनका तत्काल समाधान नहीं हो सकता. अगर आप भारत के WTO से अलग होने की बात करोगे, फ्री ट्रेड एग्रीमेंट खत्म करने की बात करोगे, स्मार्ट मीटर लगाने बंद कर दोगे, पराली वाले विषय पर हमें बाहर कर दोगे या जलवायु के मुद्दे से कृषि को बाहर करने की बात करोगे, यह दो-एक दिन के निर्णय नहीं है. इसके लिए दूसरे स्टेकहोल्डर और राज्यों से भी बात करनी होगी और इसलिए सरकार ने इसके ऊपर विस्तृत चर्चा करने हेतु कमेटी बनाने का प्रस्ताव भी दिया है. सरकार की ओर से न पहले कमी थी न अब कमी है."
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को नई दिल्ली में किसान आंदोलन को लेकर पत्रकारों से बातचीत की. अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार पहले दिन से किसान कल्याण के लिए काम कर रही है. "पिछले 10 वर्षों में किसान कल्याण के लिए कई योजनाएं लाई गईं जिन्होंने धरातल पर देश के करोड़ों किसानों को लाभ पहुंचाया."किसानों से बातचीत के मुद्दे पर अनुराग ठाकुर ने कहा, "सरकार हमेशा चर्चा के लिए तैयार रहती है. जब भी मांग उठती है तब सरकार खुद आगे आती है. इस बार भी हमारे मंत्री चंडीगढ़ गए और लगातार कई घंटे रात में चर्चा के लिए बैठे रहे. हमने प्रदर्शनकारियों से 2 दौर की बात की. सरकार स्पष्ट तौर से चर्चा की पक्षधर है, इसीलिए बातचीत से उठकर हम नहीं गए, लेकिन प्रदर्शनकारी पहले चले गए, लेकिन सरकार आगे भी चर्चा हेतु तैयार है."
कालिंदी कुंज यमुना पुल पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी रहीं. कालिंदी कुंज से लेकर महामाया फ्लाईओवर चढ़ने तक भी जाम ही जाम रहा. कालिंदी कुंज बॉर्डर पर तो सुबह से ही जाम बरकरार रहा. शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि, इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने हरियाणापुलिस पर भारी पथराव किया जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन तथा आंसू गैस का इस्तेमाल करके स्थिति को नियंत्रण में लिया. कानून सभी के लिए समान है और हम सभी को इसका सम्मान करना चाहिए. प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है, ऐसे लोगों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी.
मंगलवार को किसानों के दिल्ली कूच अभियान का असर नोएडा में भी देखने को मिला. यहां प्रमुख सड़कों पर जो खासतौर पर दिल्ली की ओर जाती हैं, उन पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया. सामने आया है कि, नोएडा कालिंदी कुंज बॉर्डर पर लगा 5 किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम लग गया है. वहीं, महामाया से लेकर नोएडा गेट तक भी दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया.
शंभू बॉर्डर पर पुलिस कार्रवाई में 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. इसमें किसान और मीडियाकर्मी भी शामिल हैं. बता दें कि, किसान संगठनों ने मंगलवार को अपने प्रदर्शन को विराम दे दिया है. अब किसान कल फिर बुधवार को दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ेंगे. किसान संगठनों ने मंगलवार शाम इसका ऐलान किया.
किसान संगठनों ने मंगलवार को अपने प्रदर्शन को विराम दे दिया है. अब किसान कल फिर बुधवार को दिल्ली कूच के लिए आगे बढ़ेंगे. किसान संगठनों ने मंगलवार शाम इसका ऐलान किया.
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया गया. पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि, इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने हरियाणापुलिस पर भारी पथराव किया जिसके जवाब में हरियाणा पुलिस ने वाटर कैनन तथा आंसू गैस का इस्तेमाल करके स्थिति को नियंत्रण में लिया. कानून सभी के लिए समान है और हम सभी को इसका सम्मान करना चाहिए. प्रदर्शन की आड़ में उपद्रव फैलाने की अनुमति किसी को नहीं है, ऐसे लोगों पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी. पुलिस प्रवक्ता
ऑर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्री श्री रविशंकर ने किसानों को आपस में सलाह-मशविरा करने की राय दी है. भारत भर के किसानों की अलग-अलग मांगे हैं और वे अलग-अलग परिस्थितियों से गुजर रहे हैं. मैं सभी किसानों से आग्रह करता हूं कि वे सड़क पर उतरने के बजाय आपस में सलाह-मशवरा करें, और विश्वासपात्र तज्ञों को अपना प्रतिनिधि चुनकर अपनी मांगों को उनके द्वारा तर्कबद्ध रूप से सरकार के सामने प्रस्तुत करें.
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से भी लेफ़्ट फ़्रंट कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प का मामला सामने आया है. पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. वहीं लेफ़्ट के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव किया. मंगलवार को मुर्शिदाबाद के बहरामपुर में मोहम्मद सलीम के नेतृत्व में लेफ्ट फ्रंट के कृषक मोर्चा की रैली थी. किसानों से संबंधित विभिन्न मांगो को लेकर वाम मोर्चा की ओर से निकाली गई इस रैली को पुलिस ने जब रोका तो वाम कार्यकर्ताओं ने पुलिस का बैरिकेड तोड़ दिया और इसी के बाद पुलिस के साथ झड़प शुरू हो गई. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया आँसू गैस के गोले छोड़े.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है. कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है. यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा. न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है.
शंभू बॉर्डर के बाद जींद बॉर्डर पर पंजाब के किसानों की हरियाणा पुलिस से झड़प हुई है. शंभू बॉर्डर के बाद, जींद पंजाब बॉर्डर पर पुलिस का किसानों पर एक्शन हुआ है. यहां आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं. सामने आया है कि, पुलिस ड्रोन द्वारा आंसू गैस के गोले दाग रही है.
Paramjit parmar
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, मैं पंजाब के किसानों को बधाई देता हूं जिन्होंने 3 काले कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई शुरू की. एक तय तरीके से किसानों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है. देश की खेती को चंद कारपोरेट्स के हवाले करने का प्लान तैयार था. लेकिन आप लोगों के आंदोलन ने किसानी को बचा लिया.आज़ादी के बाद पहली बार, हर किसान पर ₹25,000 प्रति हेक्टेयर टैक्स लगाया. PM फसल बीमा योजना' को Private Insurance Company की मुनाफा योजना' बनाया. 2016 से 2022 के बीच बीमा कंपनियों ने ₹40,000 करोड़ कमाए.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा है कि वो किसानों को कानूनी मदद मुहैया कराएंगे.
पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर किसान-पुलिस के बीच झड़प भी हो गई है. लेकिन सवाल ये है कि इस प्रदर्शन में कौन-कौन से किसान संगठन शामिल हैं-
शंभू बॉर्डर पर किसानों के ऊपर लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, वहीं किसान भी उग्र हो चुके हैं. उन्होंने बॉर्डर पर बने एक ओवरब्रिज की रेलिंग भी तोड़ दी है.
किसान आंदोलन को लेकर AIMIM चीफ ओवैसी ने कहा कि ये मोदी सरकार की विफलता है. उन्हें किसानों की मांगें पूरी कर देनी चाहिए थी. स्वामीनाथन आयोग फॉर्मूला, एमएसपी की गारंटी का कानून लागू करना चाहिए. सरकार समय बर्बाद क्यों कर रही है.
किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रही पंजाब किसान मंजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर 10 हजार किसान मौजूद हैं. उन्होंने कहा कि किसान शांति बनाए हुए हैं, लेकिन हमारे ऊपर ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागे गए. जब तक हमारी मांग नहीं मानी जाएगी, हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा.
दिल्ली कूच की जिद में जुटे किसानों पर काबू पाने के लिए लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया है. इस बीच शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसान सीमेंट वाले बैरिकेड हटा रहे हैं.
हरियाणा-पंजाब शंभू बॉर्डर पर किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. इसके साथ ही पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले रही है. वहीं किसानों ने आंसू गैस से निपटने के लिए उपाय खोज लिया है. अब ट्रैक्टर चलाने वाले किसान गैस मास्क लगा रहे हैं.
किसानों के दिल्ली कूच के बीच झज्जर जिले की कंफेडरेशन ऑफ बहादुरगढ़ इंडस्ट्रीज के सदस्यों ने किसानों से अपील की है. उन्होंने अपने बिजनेस पर न्यूनतम प्रभाव सुनिश्चित करने के लिए औद्योगित केंद्र बहादुरगढ़ में अपना विरोध प्रदर्शन न करें.
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाती मालीवाल ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. मालीवाल ने कीलों के जरिए किसानों को रोकने और आंसू गैस के गोले दागे जाने को चिंताजनक बताया है. उन्होंने पीएम मोदी से अपील की है कि वो हस्तक्षेप करें और किसानों के साथ सामान्य बातचीत शुरू करें.
पंजाब और हरियाणा के किसान जिस तरह दिल्ली कूच को लेकर अड़े हुए हैं, उसको देखते हुए दिल्ली पुलिस पूरी तरह अलर्ट है. प्रदर्शनकारी किसानों के समर्थन में अगर यूपी के किसान भी आक्रोशित होते हैं तो इसको देखते हुए गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
शंभू बॉर्डर पर हालात पर काबू पाने के लिए हरियाणा पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले रही है. उन्हें बस में बैठाकर अन्य जगहों पर ले जाया जाएगा. वहीं आंसू गैस दागने के बाद किसान तितर-बितर हो चुके हैं.
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली की सीमाएं सील कर दी गई हैं. शंभू बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच झड़प भी हो गई. किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसके बाद प्रदर्शनकारी किसान तितर-बितर होकर शंभू बॉर्डर के पास खेतों में घुस गए.
पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली में प्रदर्शन करने की जिद पर अड़े हुए हैं. उन्होंने दिल्ली चलो का नारा दिया है, लेकिन उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं मिल रहा है. दिल्ली पुलिस ने राजधानी की सभी सीमाओं को सील कर दिया है. इस बीच तमिलनाडु में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन शुरू हो गया है. वहां किसान बिना कपड़ों के सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर हालात बेकाबू हो गए हैं. किसान लगातार दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं तो हरियाणा पुलिस उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दाग रही है. दिल्ली में घुसने की जिद पर अड़े किसान सीमेंट बैरिकेड को ट्रैक्टर से हटाने का कोशिश कर रहे हैं.
किसान नेता नरेश टिकैट ने किसानों के दिल्ली कूच पर कहा, "पूरे देश में किसानों का प्रदर्शन जारी है. सरकार को किसानों के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए और किसानों का सम्मान करना चाहिए. सरकार को मुद्दे सुलझाने का प्रयास करना चाहिए."
शंभू बॉर्डर पर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. पुलिस हर जगह प्रदर्शनकारी किसानों को वहां से हटा रहा है. किसानों का कहना है कि विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है. पुलिस लगातार ड्रोन की मदद से आंसू गैस के गोले दाग रही है. प्रदर्शनकारी किसान बैरिकेडिंग के करीब पहुंच गए हैं. किसानों की तरफ से पथराव भी किया गया.
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर हालात लगातार बिगड़ रहे हैं. किसान लगातार दिल्ली कूच की जिद पर अड़े हुए हैं. इस बीच पुलिस की ओर से रोकने की कोशिश की जा रही है और ड्रोन के जरिए आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं.
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है. अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबिराज ने कहा कि पंजाब से आ रहे किसानों का हम स्वागत करते हैं, लेकिन अगर वो ट्रैक्टर से आएंगे तो लोगों को दिक्कत होगी. वो बसों, ट्रेन और पैदल आ सकते हैं. अगर वो ट्रैक्टर से आएंगे तो हम उन्हें नहीं जाने देंगे. इलाके में धारा 144 लागू है.
किसानों के दिल्ली कूच पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जहां तक किसानों की मांगों का सवाल है तो केंद्र सरकार को तुरंत किसानों से बातचीत करनी चाहिए और उनकी बात माननी चाहिए.
किसानों के प्रदर्शन पर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिन्दर सिंह राजा वडिंग ने कहा, "1967 में MSP लाने वाली वो इंदिरा गांधी और कांग्रेस सरकार ने दी. किसानों का 72 हजार करोड़ रुपये का ऋण हमने माफ किया था, उस समय देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे. हमने पंजाब के 5.5 लाख किसानों का ऋण माफ किया और बिना केंद्र सरकार की मदद के. पंजाब की सरकारों ने ये किया. हमने कभी किसी किसान के ऊपर मुकदमा नहीं किया."
पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली कूच पर अड़े हुए हैं. उन पर शंभू बॉर्डर पर आंसू गैस के गोले भी दाए गए हैं. इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसान दिल्ली आ रहे हैं. सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान आंदोलन पर कहा, "सरकार को जो जानकारी मिल रही है उसमें बहुत सारे ऐसे लोग जो इसमें कोशिश करेंगे कि इस तरह की स्थिति बने जिससे वातावरण प्रदूषित हो. मैं किसान भाइयों से कहूंगा कि इन चीजों से वे बचें. भारत सरकार किसानों के हितों को लेकर प्रतिबद्ध है. अधिकांश बातों पर हम बात करने के लिए तैयार हैं. उसके कई विकल्प वे भी दे सकते हैं हम भी विकल्प दे सकते हैं, एक विकल्प पर आकर हम एक समाधान ढूंढ सकते हैं."
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस सुरक्षा व्यवस्था लगातार दुरुस्त करने में जुटी हुई है. इसको देखते हुए दिल्ली मेट्रो के कई स्टेशनों के गेट भी बंद कर दिए गए हैं. पहले केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन का गेट नंबर 2 बंद किया गया था, अब पटेल चौक मेट्रो स्टेशन के गेट पर ताला लगा दिया गया है.
हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. किसानों की जिद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा कारणों से लाल किला को बंद करने का फैसला लिया है. लाल किले के मेन गेट पर कई लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. गेट पर बस, ट्रक खड़ी कर दी गई जिससे कोई गाड़ी से अंदर आसानी से दाखिल न हो पाए.
दिल्ली कूच के लिए संगरूर के महिला चौक गांव की अनाज मंडी में हजारों ट्रैक्टर ट्राली लेकर किसान तैयार हैं. किसानों ने कहा हमें कोई शौक नहीं है. दिल्ली जाने के लिए हमारी मजबूरी है. किसान अपने साथ बॉर्डर पर घर बनाने के लिए सामान और साथ ही आने वाले समय में गर्मी के लिए फ्रिज साथ लेकर जा रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन सिद्धपुर के बैनर तले संगरूर के खनौरी बॉर्डर से हरियाणा में किसान प्रवेश करेंगे. उन्होंने कहा जो बॉर्डर हमें रोकने के लिए लोहे के कल सीमेंट की स्लैब लगाई गई है वह तोड़ने के लिए हमारे लिए कुछ मिनट की बात है.
(इनपुट- कमलजीत, मनजीत)
केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार से किसानों को पकड़ने के लिए बवाना स्टेडियम को जेल बनाने का प्रस्ताव दिया था, जिसे दिल्ली सरकार की ओर से खारिज कर दिया गया. केंद्र के प्रस्ताव पर दिल्ली सरकार के गृह मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है, "किसानों की मांगें वास्तविक हैं. शांतिपूर्ण विरोध करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है. इसलिए किसानों को गिरफ्तार करना गलत है..."
किसानों के दिल्ली कूच करने को लेकर दिल्ली की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं, लेकिन शंभू बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं. इस बीच कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "पूरा बॉर्डर सील कर दिया गया है जैसे ये कोई दुश्मन देशों का बॉर्डर हो. हरियाणा-पंजाब, दिल्ली से सटे राजस्थान और उत्तर प्रदेश से सटे दिल्ली के पड़ोसी जिलों में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं वो भी तब जब बोर्ड पेपर सिर पर हैं... दिल्ली के चारों तरफ के जिलो में मौखिक हिदायत दी गई है कि किसी किसान के ट्रैक्टर में 10 लीटर से ज्यादा डीज़ल नहीं डाला जाएगा... चौतरफा जुल्म का आलम है. अन्नदाता किसानों की हुंकार से डरी हुई मोदी सरकार एक बार फिर 100 साल पहले अंग्रेज़ों द्वारा दमनकारी 1917 के बिहार के चंपारण किसान आंदोलन... खेड़ा आंदोलन की याद दिला रही है."
शंभू बॉर्डर पर पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दाग रही है. दरअसल किसान लगातार दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. इसके लिए पुलिस ड्रोन के जरिए लगातार टियर गैस के गोले दाग रही है ताकि फतेहगढ़ साहिब से चले ट्रैक्टरों को आगे बढ़ने से रोका जाए.
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए सुरक्षा के सभी इंतजाम किए गए हैं. इसको देखते हुए द्वारका डीसीपी ने बताया कि शहर में धारा 144 लागू हैं. शहर में ट्रैक्टर ट्रॉलियों की अनुमति नहीं है. सोशल मीडिया निगरानी भी की जा रही है. ड्रोन एक प्रभावी उपकरण है सुरक्षा निगरानी के लिए, हम इसका उपयोग करेंगे.
दिल्ली कूच के लिए पंजाब से निकले किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस पूरी तरह जुटी हुई है. इसी को देखते हुए कुरुक्षेत्र में कंक्रीट स्लैब, लोहे के तार, बैरिकेडिंग की गई है. पुलिस और आरएएफ के जवानों को तैनात किया गया है.
दिल्ली में किसान आंदोलन. 2.0 शुरू हो चुका है. किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. दिल्ली में घुसने के लिए अड़े किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने सभी सीमाएं सील कर दी हैं. पढ़ें आखिर किसानों की मांग क्या हैं? Farmers protest: आखिर बार-बार क्यों हो रहा है किसानों का आंदोलन, क्या है डिमांड? जानें सबकुछ
दिल्ली कूच के लिए अड़े किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे गए हैं. किसानों को बॉर्डर पर रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है, लेकिन शंभू बॉर्डर पर हालात बिगड़ रहे हैं. यहां रुक-रुक कर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. किसानों को करीब 300 मीटर तक पीछे हटाया जा चुका है, लेकिन प्रदर्शनकारी उसके बावजूद दिल्ली में घुसने के लिए अड़े हुए हैं.
किसानों के दिल्ली कूच की जिद को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने इस बार पूरी तरह तैयारी की है. दिल्ली पुलिस के जवान नुकीले हथियारों से लैस हैं. पंजाब से आ रहे किसानों को रोकने की तैयारी कर ली गई है. पुलिस के जवानों ने हाथों में आंसू गैस के शैल भी ले रखे हैं.
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, बातचीत के दौरान किसान नेताओं के ट्विटर (X) अकाउंट को बंद कर दिया गया था, इस मीटिंग में किस तरह के आश्वासन दिए गए. बीते दो सालों में केंद्र सरकार नहीं समझ सकी कि किसानों की जरूरतें क्या हैं?
किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए दिल्ली की सभी सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और दिल्ली में कई जगहों पर धारा 144 लागू हैं. इसको देखते हुए दिल्ली-नोएडा-दिल्ली रोड पर भारी जाम लग गया है.
हरियाणा-पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच के लिए अड़े हुए हैं. इस बीच पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े हैं, जिसके बाद भगदड़ के हालात बन गए हैं. उसके बाद किसानों को 200 मीटर तक पीछे खदेड़ दिया गया है.
किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए राजधानी के चारों ओर की सीमाएं पूरी तरह से सील कर दी गई हैं. सिंघु बॉर्डर पर भी फ्लाईओवर को पूरी तरह सील कर दिया गया है. सीमेंट के बैरिकेड मशीनों के जरिए लगा दिए गए हैं. और आरएएफ को नेशनल हाईवे पर तैनात कर दिया गया है.
किसानों का दिल्ली मार्च हरियाणा के अंबाला हाईवे तक पहुंच गया है. किसान लगातार ट्रैक्टरों के जरिए दिल्ली की ओर आगे बढ़ रहे हैं. किसानों के जत्थे में कई गाड़ियां भी दिखाई दे रही हैं. इसके अलावा किसान अपने साथ दिल्ली आने के लिए सामान भी लेकर आ रहे हैं.
किसान दिल्ली कूच को लेकर तैयार हैं. इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं किसी तरह की अव्यवस्था हो. उन्होंने कहा, हम सरकार के टकराव से बचना चाहते हैं और हमें कुछ मिले, इसी आशा और भरोसे की वजह से ही मीटिंग में बातचीत की. आप हरियाणा के हर गांव में पुलिस भेज रहे हैं. पंजाब और हरियाणा भारत के राज्य ही नहीं, ऐसा लग रहा है कि इंटरनेशनल बॉर्डर बन गए हैं. अगर सरकार बुलाना चाहेगी तो हम बातचीत के लिए तैयार हैं. हालांकि किसानों और सरकार के बीच गतिरोध लगातार बढ़ता जा रहा है.
फतेहगढ़ साहिब से किसान दिल्ली की ओर ट्रैक्टर से कूच करना चाहते हैं. किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से कंक्रीट और सीमेंट की बैरिकेडिंग की गई है. किसानों के दिल्ली कूच को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. हालांकि भारी संख्या में किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर डटे हुए हैं.
दिल्ली कूच के लिए निकले किसान पंजबा-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए हैं. दिल्ली में घुसने के लिए किसान अड़े हुए हैं. हालांकि दिल्ली पुलिस की ओर से राजधानी की सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई हैं.
किसानों के दिल्ली मार्च को देखते हुए कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हमने किसान संगठनों को बताया है कि जो मुमकिन होगा हम करेंगे. मुंडा ने कहा, "कुछ मुद्दों पर कंसल्टेशन करनी पड़ेगी क्योंकि राज्य सरकारों के साथ मिलकर चर्चा करनी पड़ेगी. हम सुनिश्चित करने में लगे हैं कि रास्ता क्या-क्या होगा. किसानों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. हम हमेशा बातचीत कर समाधान निकालने को तैयार हैं.
पंजाब के किसान दिल्ली में प्रदर्शन के लिए राजपुरा बाईपास से निकल चुके हैं. पंजाब पुलिस ने उन्हें हरियाणा के अंबाला से दिल्ली की ओर जाने की अनुमति दे दी है.
#WATCH | Punjab Police allows protesting farmers to cross Rajpura bypass to head towards Haryana's Ambala onward to Delhi for their protest to press for their demands pic.twitter.com/yCMvdNnD8t
किसानों के दिल्ली मार्च के मद्देनजर दिल्ली नोएडा बॉर्डर कालिंदी कुंज पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. नोएडा से दिल्ली आने वाली सड़क पर जाम लगा हुआ है. इस वजह से नोएडा एक्सटेंशन में भीषण जाम लगा हुआ है. नोएडा एक्सटेंशन में गाड़ियां रेंग-रेंग कर चल रही हैं. गौरसिटी मॉल के पास भीषण जाम लगा हुआ है. (इनपुट- अरुण त्यागी और आशुतोष कुमार)
शंभू बॉर्डर पर सुरक्षाबल से निपटने का तरह तरह का इंतजाम करते दिखे किसान, वॉटर कैनन से बचाव के लिए ट्रैक्टर पर पॉलीथिन बांधी.शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और हाईवे पर सुरक्षा दीवार खड़ी की गई है.दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर, गाजीपुर बार्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का असर दिख रहा है और इस वजह से भारी जाम लग गया है.-SC बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट को जाम की समस्या के मद्देनजर चिट्ठी लिखी है जिस पर CJI ने कहा- किसी को भी जाम की समस्या हो तो मुझे बताए.
दिल्ली किसान आंदोलन के मद्देनजर भारी भरकम अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है. 5000 से ज्यादा अर्धसैनिक बलों के जवान दिल्ली के अलग-अलग लोकेशन पर मौजूद हैं. दिल्ली के सभी बॉर्डर पर 50 अर्धसैनिक बलों की कम्पनियां तैनात की गई हैं. 10 को अभी तैनात किया गया है, 37 पहले से ही मौजूद हैं.ज़रूरत पड़ने पर स्टैंडबाय में मौजूद 5 अर्द्ध सैनिक बलों की कम्पनियों को तैनात किया जाएगा. फिलहाल यह सभी कंपनियां दिल्ली पुलिस के साथ कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में मदद कर रही हैं. (इनपुट- जितेंद्र)
केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन का गेट 2 शाम तक बंद रहेगा. किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध के आह्वान के मद्देनजर दिल्ली में कई स्थानों पर सुरक्षा तैनात की गई है. पूरी दिल्ली में धारा 144 लागू कर दी गई है.
किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली की सीमाओं पर भीषण ट्रैफिक जाम लग गया है. दिल्ली-गुरुग्राम बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और नोएडा-चिल्ला बॉर्डर पर लगे ट्रैफिक जाम की वजह से लोगों को ऑफिस पहुंचने में देरी हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर किसान आंदोलन में गलती करने वाले किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.बार अध्यक्ष आदिश अग्रवाल के लिखे पत्र में कहा गया है कि आंदोलन की वजह से वकीलों के अदालती कार्यवाही में भाग लेने में विफल रहने की स्थिति में कोई प्रतिकूल आदेश नहीं जारी किया जाए. उन्होंने वकीलों की मुश्किलों को सहानुभूति पूर्वक समझते हुए एकतरफा निर्देश ना देने का अनुरोध किया गया है.
किसान आंदोलन को लेकर खुफिया रिपोर्ट है कि कुछ किसान गुपचुप तरीके से पहले आकर पीएम,गृहमंत्री ,कृषि मंत्री और बीजेपी के बड़े नेताओं के घर के बाहर इकठ्ठा हो सकते हैं. दिल्ली में घुसने के लिए बच्चों और महिलाओं को आगे कर सकते हैं. इस वजह से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर और दिल्ली के अंदर कड़ी सुरक्षा की गई है. (इनपुट- अरविंद ओझा)
पिछली बार जब किसान आंदोलन हुआ था उसमें गुरनाम सिंह चढ़ूनी अगुवा थे. लेकिन इस बार वो आंदोलन से गायब हैं. उन्होंने किसानों के दिल्ली कूच कार्यक्रम पर नाखुशी जाहिर की. उनका आरोप है कि इस आंदोलन से उन नेताओं को अलग रखा गया है जो पिछले आंदोलन में शामिल थे. चढ़ूनी ने कहा, 'पिछली बार (2020-21) विरोध स्थगित करने से पहले तय हुआ था कि जरूरत पड़ने पर यह आंदोलन दोबारा किया जाएगा. अब जब किसान फिर से दिल्ली में प्रदर्शन करने जा रहे हैं तो उन्हें पहले उन सभी किसान यूनियनों की बैठक बुलानी चाहिए थी जो पिछली बार मौजूद थे. उन्होंने हमसे परामर्श नहीं किया है. केवल समय ही बताएगा कि मैं आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन में शामिल होऊंगा या नहीं. किसान राजनीति नहीं चलेगी तो किसान हित की बात कौन करेगा.'
किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च से पहले आज दिल्ली-नोएडा चिल्ला बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया है.
किसानों के आंदोलन की वजह से गाजीपुर बॉर्डर सील कर दिया गया है जिसकी वजह से गाजीपुर बॉर्डर पर लंबा जाम लग गया है. यहां बड़ी संख्या में पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है.
पंजाब के फतेहपुर में किसान नेता लखविंदर सिंह ने कहा, ''...लोग तैयार हैं और बैठक भी हो रही है...हम आम आदमी को असुविधा नहीं पहुंचाना चाहते...जितनी जल्दी मिलेगी बैठक के बाद दिशा-निर्देश, हम आगे बढ़ेंगे.”
किसान संगठनों द्वारा आज बुलाए गए 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर कर दी है. गाजीपुर बॉर्डर पर ट्रैफिक स्लो है और लोगों को बैरिकेडिंग होने की वजह से दिक्कत आ रही है. गाजीपुर से कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिसमें दिख रहा है कि वहां बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात हैं.
केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच बातचीत विफल होने के बाद शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर पहुंचने शुरू हो गए हैं. -किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे अपना दिल्ली चलो मार्च जारी रखेंगे. इस विरोध प्रदर्शन के चलते पूरी दिल्ली में धारा-144 भी लगा दी गई है. 12 फरवरी से 12 मार्च तक धारा-144 लागू रहेगी. पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इस दौरान लोगों के एकजुट होने, रैलियां करने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर रोक रहेगी.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पहले ही साफ कर दिया है कि उसने 13 फरवरी को दिल्ली चलो का आह्वान नहीं किया है और इस विरोध प्रदर्शन से उसका कोई लेना-देना नहीं है. एसएकेएम ने कहा है कि यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे विरोध प्रदर्शनों को खारिज करने की बजाय लोकतांत्रिक तरीके से इनका हल ढूंढे.
किसानों के दिल्ली चलो मार्च का ऐलान करने के बाद हरियाणा सरकार काफी एहतियात बरत रही है. अंबाला के पास शंभू में पंजाब के साथ लगती सीमा को सील कर दिया गया है. इतना ही नहीं 7 जिलों कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मंगलवार तक मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दी गई है.
पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा, 'कल मंत्रियों के साथ करीब 5 घंटे तक बैठक चली. हमने उनके सामने एक एजेंडा रखा. केंद्र सरकार उस पर सहमति नहीं बना पाई है.' सरकार हमसे आंदोलन रोकने के लिए समय मांग रही है. लेकिन उन्होंने हमसे 2 साल पहले भी समय मांगा था, जब किसानों का आंदोलन खत्म हुआ था. हमने सोचा कि अब समय देना उचित नहीं है. अगर मजबूत प्रस्ताव होता तो हम समय देने के बारे में सोच सकते हैं लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं है..."
किसान आंदोलन को लेकर खुफिया रिपोर्ट किसान आंदोलन के लिए ट्रैक्टरों से कई रिहर्सल कर चुके हैं अब तक ऐसी 40 रिहर्सल और मार्च (हरियाणा में 10 और पंजाब में 30) हो चुके हैं. सबसे ज्यादा पंजाब के गुरुदासपुर में 15 हुए हैं आंदोलन के लिए 15 से 20 हजार किसान 2000-2500 ट्रैक्टरों के साथ आ सकते हैं. (इनपुट- अरविंद ओझा)
केंद्र के खिलाफ दिल्ली कूच का ऐलान करने वाले किसान संगठन MSP की गारंटी की मांग कर रहे हैं. साथ ही किसान संगठन स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने पर अड़े हैं. किसानों की पेंशन और ऋण माफी भी इस आंदोलन का बड़ा मुद्दा है.साथ ही किसान संगठन पिछले आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को भी खत्म करने की मांग कर रहे हैं.