scorecardresearch
 

Explainer: किसान बिल में किन 8 संशोधनों पर राजी दिख रही सरकार, किसान और क्या चाहते हैं?

किसान कृषि कानून में बदलाव को लेकर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. बीते दिन कई घंटे की बैठक के बाद सरकार और किसानों में कुछ मुद्दों पर एक सहमति बनती दिखी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है.

Advertisement
X
किसानों का हल्ला बोल जारी (PTI)
किसानों का हल्ला बोल जारी (PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों और सरकार में चौथे दौर की बातचीत
  • कई मुद्दों पर सरकार ने दिखाया है नरम रुख
  • MSP-APMC एक्ट में संशोधन कर सकती है सरकार

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए किसानों को कुल नौ दिन हो गए हैं और इस बीच दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है. लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाया है. किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, MSP को लेकर ठोस भरोसा चाहते हैं.

Advertisement

हालांकि, सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है. ऐसे में आखिरकार सरकार और किसानों के बीच किन मुद्दों पर सहमति बनती दिख रही है और किसानों की मांग क्या है, एक नज़र डालिए... 

सरकार और किसानों की बातचीत में क्या हुआ?
गुरुवार को करीब सात घंटे की चर्चा के दौरान किसानों और सरकार के बीच काफी मुद्दों पर सहमति दिखी और कुछ मुद्दों पर किसान अड़े रहे. किसानों ने लिखित में अपनी आपत्तियां दी थीं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में 8 मुद्दों पर संशोधन हेतु विचार करने का प्रस्ताव रखा, जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया. हालांकि, चर्चा खत्म होते-होते कुछ ऐसे मसले रहे जिनपर सरकार का रुख नरम हुआ.

•    MSP को लेकर किसानों की चिंता सबसे अधिक है, ऐसे में सरकार इसपर भरोसा दे रही है कि नए कानून से MSP पर कोई असर नहीं पड़ेगा.  सरकार MSP को सशक्त करते हुए कुछ और फसलों को इसमें जोड़ सकती है. 

•    APMC सिस्टम को कमजोर नहीं होने दिया जाएगा. मौजूदा तरीके से जैसे मंडी सिस्टम चल रहा है, वो जारी रहेगा और बाहरी मंडी का सिर्फ ऑप्शन होगा. 

•    प्राइवेट मंडी को कानून के दायरे में लाया जा सकता है. अभी सिर्फ SDM और ट्रिब्यूनल तक की इजाजत है, लेकिन किसानों ने इस मसले को सिविल कोर्ट तक ले जाने की बात कही है. जिसपर विचार संभव है. 

•    अगर व्यापारी प्राइवेट मंडी में आता है, तो रजिस्ट्रेशन सुविधा होनी चाहिए. सिर्फ पैन कार्ड से काम नहीं चलना चाहिए, किसानों के अपील पर सरकार विचार कर सकती है.

दरअसल, किसानों का कहना है कि MSP पर अगर सरकार भरोसा दे रही है तो उसे लिखित में कानून में शामिल कर दे. साथ ही मंडी सिस्टम को लेकर डर ये भी है कि अभी आढ़ती किसानों के साथ हर तरह का व्यवहार करते हैं, लेकिन वही संबंध किसी व्यापारी के साथ नहीं हो सकेगा. ऐसे में किसानों की मांग है कि उनकी शंकाओं को दूर किया जाए, कानून में मुद्दों को शामिल किया जाए वरना कानून ही वापस ले लिए जाएं.

Advertisement


बैठक के बाद किसानों की ओर से क्या कहा गया?
विज्ञान भवन में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई. संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, मीटिंग में किसान नेताओं ने 3 कृषि कानूनों की सभी खामियों को गिनवाया, केंद्र सरकार के पास किसान नेताओं के सवालों का कोई जवाब नहीं था.

उसके बाद केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में 8 मुद्दों पर संशोधन हेतु विचार करने का प्रस्ताव रखा जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया और किसान नेता कृषि कानूनों को रद्द करवाने और MSP गारंटी कानून बनवाने की मांगों पर अड़िग रहे. 

देखें: आजतक LIVE TV

संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक, अब शुक्रवार सुबह 11 बजे सभी किसान नेताओं की बैठक सिंधु बॉर्डर पर होगी जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी. 5 दिसंबर को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में 2 बजे अगले दौर की बातचीत होगी.

बैठक के बाद सरकार की ओर से क्या कहा गया?
किसानों के साथ हुई बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने कुछ मुद्दे उठाए हैं, जिनपर सरकार ने जवाब दिया है. सरकार किसी तरह का इगो नहीं रख रही है. किसानों को APMC एक्ट, MSP के विषय पर कुछ चिंताएं हैं. इसके अलावा किसान बिजली बिल एक्ट, प्रदूषण के मसले पर भी सरकार से कुछ सफाई चाहते हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों की हर बात को सुनेगी, किसानों ने जो कोर्ट के मसले पर ऑप्शन को कहा है सरकार उसपर विचार करेगी. MSP पर किसानों को किसी तरह का घाटा नहीं होने दिया जाएगा. 

किसानों का आंदोलन जारी, तेवर भी बरकरार

Advertisement

पिछले करीब दस दिनों से दिल्ली की सर्दी में पंजाब के किसान डटे हुए हैं. अब उन्हें यूपी, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान के किसानों का भी साथ मिल रहा है. किसानों का कहना है कि वो अपनी मांग मनवाकर ही वापस हटेंगे, वो पूरी तैयारी के साथ आए हैं. किसानों ने जब गुरुवार को सरकार के साथ बैठक की, तब भी अपने तेवर नहीं छोड़े. किसानों ने सरकार की तरफ से ऑफर खाने को ठुकरा दिया और खुद बाहर से अपना खाना मंगवाकर बिल्डिंग में लंच किया. 

किसानों के प्रदर्शन के कारण दिल्ली-गुरुग्राम, दिल्ली-नोएडा, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ समेत अन्य कई रास्तों पर आम लोगों को परेशानी हो रही है. हर जगह पुलिस तैनात है और काफी जगह रास्तों का रुख बदल दिया गया है. 

(मौसमी सिंह, अरविंद ओझा, हिमांशु मिश्रा के इनपुट से)


 

Advertisement
Advertisement