क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष दर्शनपाल और 39 अन्य किसान संगठनो के प्रतिनिधियों ने कृषि मंत्रालय को पत्र लिखा था. कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने इसके जवाब में इन संगठनों को फिर से बातचीत का न्योता भेजा है.
किसान एकता मोर्चा का फेसबुक पेज बंद हो गया है. फेसबुक ने कम्युनिटी स्टैंडर्ड का हवाला देते हुए पेज को अनपब्लिश कर दिया है. इसे लेकर किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट किया है. किसान एकता मोर्चा ने ट्वीट कर कहा है कि जब लोग आवाज उठाते हैं तब वे यही कर सकते हैं.
किसान दिवस 23 दिसंबर को है. इस बार किसान दिवस ऐसे समय में पड़ा है, जब किसान नए कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने अपील की है कि किसान दिवस के दिन लोग लंच ना बनाएं.
एक तरफ जहां किसान नए कृषि कानून के खिलाफ सर्दी में भी सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ किसान इन कानूनों का समर्थन भी कर रहे हैं. रविवार को पश्चिमी यूपी के किसानों ने कृषि भवन में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कानूनों का समर्थन करते हुए ज्ञापन सौंपा.
स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा है कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान सभी प्रदर्शन स्थलों पर 21 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे. वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह ने कहा है कि हरियाणा के किसान 25 से 27 दिसंबर तक टोल नहीं देंगे.
दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर का एक कैरिजवे यातायात के लिए खुला है. हालांकि, दिल्ली से नोएडा के लिए अन्य कैरिजवे बंद हैं. इसके अलावा टिकरी और धनसा बॉर्डर पर ट्रैफिक बंद है. झटीकरा बॉर्डर से केवल दो पहिया और पैदल यात्रियों को ही आवागमन की अनुमति दी जा रही है.
कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को अब शिवसेना हिंद का भी समर्थन मिला है. शिवसेना हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष निशांत शर्मा ने 21 दिसंबर को 12 राज्यों के 60 जिलों में कैंडल मार्च निकालने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार ने कृषि बिल रद्द नहीं किए तो जल्द ही शिव सेना हिंद के पदाधिकारी और कार्यकर्ता किसानों के समर्थन में भूख हड़ताल पर बैठेंगे. शिव सेना हिंद की ओर से पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में मार्च निकाला जाएगा.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससी) ने प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री के उन बयानों के खिलाफ खुला पत्र जारी किया है, जिनमें कहा गया था कि सरकार ने किसानों की ठोस समस्याओं का समाधान कर दिया है. समिति ने इन बयानों को झूठ बताते हुए कहा है कि नए कानूनों से कृषि पर निर्भर 70 करोड़ किसानों की आजीविका दांव पर लग गई है. ये कानून खेती के बाजार से सरकारी नियंत्रण हटा देंगे और कंपनियां, बड़े व्यावसायी अन्न का मुक्त भंडारण शुरू कर देंगे. बिजली की दर में छूट समाप्त कर दी जाएगी. आंदोलनकारी किसानों के विपक्षी दलों की ओर से संगठित होने के आरोपों को लेकर समिति ने याद दिलाया है कि पंजाब में आंदोलन के जोर पकड़ने पर सियासी दल समर्थन देने पहुंचे.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने कहा है कि केंद्र सरकार विदेशी पूंजी के पीछे जितना ज्यादा भागेगी, संघर्ष उतनी ही दृढ़ता के साथ आगे बढ़ेगा. एआईकेएससीसी ने कहा है कि मोदी सरकार खेती को कारपोरेट, बहुराष्ट्रीय कंपनियों और विदेशी निवेशकों के विकास का आधार समझकर बुनियादी गलती कर रही है. सरकार को चाहिए कि वह उन 70 करोड़ किसानों की मदद करे जो आजीविका के लिए खेती पर निर्भर हैं, विदेशी निवेशकों की नहीं.
किसान कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में रविवार को मेरठ से किसान समर्थन रैली निकाली गई. रैली के गाजियाबाद पहुंचने पर इसमें शामिल किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. रूट डायवर्जन को लेकर किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की की भी खबर है.
बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि ये आंदोलन किसान नहीं बल्कि "दलाल" चला रहे हैं. राज्य के कृषि मंत्री ने वैशाली में जिले में किसानों के सवाल पर यह बात कही. उन्होंने दावा किया कि देश में 5.5 लाख गांव हैं, लेकिन कहीं भी कोई आंदोलन नहीं हुआ.
Delhi: Agitating farmers pay tributes to the farmers who died during the ongoing protest against three farm laws, at Delhi-UP border in Ghazipur.
— ANI (@ANI) December 20, 2020
"We are paying homage to the farmers who lost their lives during the agitation," says a protester. pic.twitter.com/L7mUIcbuxs
Delhi: 2 US-based Sikh NGOs donate toilets, geysers & tents to farmers at Tikri border.
— ANI (@ANI) December 20, 2020
"Due to lack of basic facilities at protest sites, we've decided to donate 200 portable toilets & geysers," says S P Singh Khalsa, Hoshiarpur Coordinator, Sikh Panchayat Fremont California pic.twitter.com/seQqwwD9SV
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में आंदोलन करने का ऐलान किया है. अन्ना हजारे दिल्ली के जंतर-मंतर या राम लीला मैदान में आंदोलन करेंगे. अन्ना हजारे ने इसके लिए केंद्र सरकार को अर्जी भेजी है.
भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख राम त्यागी ने कहा, "हम आज शहीदी दिवस मनाएंगे और इस आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देंगे."
Delhi: Farmers' protest at Ghazipur (Delhi-UP border) enters day 23; protesters to observe 'Shahidi Diwas' today
— ANI (@ANI) December 20, 2020
"We'll observe Shahidi Divas today & pay tribute to those who lost their lives during this movement," says Mange Ram Tyagi, Chief Secy, Delhi-NCR,Bhartiya Kisan Union pic.twitter.com/WqehYwtry6
केंद्रीय कृषि कानूनों के मुद्दे पर जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) किसानों को समझाने में जुटी है, तो वहीं दूसरी ओर उसके ही सहयोगी दल ने इन कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एनडीए (NDA) के सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया है कि किसान आंदोलन के समर्थन में 26 दिसंबर को उनकी पार्टी दो लाख किसानों को लेकर राजस्थान से दिल्ली मार्च करेगी.
2 लाख किसानों संग करेंगे दिल्ली कूच, NDA छोड़ने पर भी उसी दिन लेंगे फैसला: हनुमान बेनीवाल
पंजाब के विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सा कर्मचारी सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर पहुंचे हैं.लुधियाना के एक अस्पताल में स्टाफ नर्स के रूप में काम कर रही हर्षदीप कौर ने कहा, "हम यहां आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए आए हैं., अगर कोई भी बीमार पड़ता है तो हम सभी की सेवा के लिए तैयार हैं."
Delhi: Medical staff of different hospitals in Punjab reach Singhu border (Delhi-Haryana border). "We're here to support agitating farmers but we all are ready to serve if anyone falls ill," says Harshdeep Kaur, who is working as a staff nurse at a hospital in Ludhiana. pic.twitter.com/QhLSdPiEnQ
— ANI (@ANI) December 20, 2020
कल 20 दिसम्बर को सुबह 10:15 बजे से दोपहर 01:30 बजे तक किसान आंदोलन के समर्थन को लेकर दिल्ली कूच के सम्बन्ध में पार्टी के पदाधिकारियों, छात्र संघठनो व पार्टी परिवार के सदस्यों के साथ चर्चा करूँगा साथ ही जन-सुनवाई भी करूँगा !
— HANUMAN BENIWAL (@hanumanbeniwal) December 19, 2020
Delhi: Volleyball court comes up at Singhu border (Delhi-Haryana border) where farmers continue to protest against the three farm laws. "We play volleyball here after giving our services at the langar," says a Ranjit Singh, a native of Jalandhar, Punjab. pic.twitter.com/BPnbzaFDZZ
— ANI (@ANI) December 19, 2020
Delhi: A group of volunteers from Punjab started ‘pagdi langar’ at Singhu border, where farmers are protesting against Center's #Farmlaws.
— ANI (@ANI) December 19, 2020
"Turban is our pride, so we are promoting it & teaching people how to tie it. We are giving turbans for free," says a volunteer. pic.twitter.com/I8HaUF9XAC
आंदोलित किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह को खुला पत्र लिखा है. किसानों ने विपक्ष के गुमराह करने के आरोपों को लेकर नाराजगी जताई है. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की ओर से लिखा गया ये खत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों और कृषि मंत्री की चिट्ठी के जवाब में है.
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पीएम मोदी-कृषि मंत्री को किसानों का खुला खत, गुमराह करने के आरोपों पर जताई नाराजगी
दिल्ली के नाकों पर किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 25वें दिन भी जारी है. दिल्ली के नाकों पर प्रदर्शन कर रहे किसान जान गंवाने वाले किसानों की याद में आज श्रद्धांजलि दिवस मनाएंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने ऐलान किया है कि शहीद किसानों को आज धरना स्थलों पर दिन में 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक श्रद्धांजलि दी जाएगी