पंजाब से चले किसानों का काफिला अब दिल्ली पहुंच चुका है. सरकार की इजाजत के बाद किसान टिकरी बॉर्डर के रास्ते दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर गए. इसी बीच कृषि कानून 2020 के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है. राहुल गांधी का कहना है कि सरकार को किसानों की मांग माननी पड़ेगी और काले कानून वापस लेने होंगे.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ''PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है। सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती। मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे। ये तो बस शुरुआत है!''
PM को याद रखना चाहिए था जब-जब अहंकार सच्चाई से टकराता है, पराजित होता है।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 27, 2020
सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती।
मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे।
ये तो बस शुरुआत है!#IamWithFarmers
उधर, दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के नौ स्टेडियमों को अस्थायी जेल बनाने के लिए राज्य सरकार से अर्जी लगाई थी. लेकिन, दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की इस अर्जी को नामंजूर कर दिया.
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, 'केंद्र सरकार को किसानों की मांगें माननी चाहिए. किसानों की मांग वाजिब है.' उन्होंने कहा कि किसानों को जेल में नहीं डाला जा सकता. इसलिए स्टेडियम को अस्थाई जेल बनाने की दिल्ली पुलिस की अर्जी को दिल्ली सरकार ने ठुकरा दिया है.
बता दें कि पंजाब से चले किसान हरियाणा के रास्ते दिल्ली आ रहे हैं. देर रात तक किसान पानीपत तक पहुंच गए थे, अब किसान दिल्ली बॉर्डर में प्रवेश कर चुके हैं. शुक्रवार सुबह पुलिस और किसानों के बीच सिंधु बॉर्डर पर झड़प भी हुई, पुलिस ने किसानों को वापस जाने को कहा. बवाल बढ़ने के बाद किसानों को दिल्ली के बुराड़ी में मौजूद निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की इजाजत दी गई है. हालांकि, किसान इस दौरान दिल्ली के किसी और इलाके में नहीं जा सकेंगे. साथ ही इस दौरान पुलिस किसानों के साथ ही रहेगी.