कृषि कानून वापसी के बाद किसानों की अन्य मांगों पर केंद्र सरकार ने जो प्रस्ताव दिया है, उसे किसान संगठनों ने मान लिया है. अब किसान नेता राकेश टिकैत के तेवर भी कुछ नरम नजर आ रहे हैं. राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि बात बनती दिखाई पड़ रही है. लगता है कि आज मामला ठीक हो जाएगा. हालांकि, टिकैत ने कहा, सरकार ने कच्चे कागज में प्रस्ताव दिया है, हमें पक्के दस्तावेज चाहिए.
राकेश टिकैत ने कहा, जो भी प्रस्ताव सरकार की तरफ से आया है, बस हमारी मांग यह है कि उन्हें लिखित तौर पर दे दिया जाए. अभी कागज कच्चे में कह दिया है कि दे दिया. लेकिन जब तक सरकार के स्टांप के साथ लिख करके नहीं आता, तब तक हम नहीं मानेंगे.
हमें पक्के दस्तावेज चाहिए- टिकैत
टिकैत ने कहा, "पांच सदस्यों की कमेटी की जिनसे भी बात हो रही हो, लेकिन हमें पक्के दस्तावेज चाहिए. हमारी कोई समय सीमा नहीं है. बस हमें कागज चाहिए और 12 बजे हमारी मीटिंग है और अगर तब तक कागज मिल गया तो हम उसके आधार पर कार्रवाई करेंगे.
हम किसानों को सारी चीजें बताएंगे कि उन्हें आगे का क्या कुछ करना है. जब एक एक आदमी पहले घर पहुंच जाएगा तभी गाजीपुर से मोर्चा हटेगा. यह हमारा निगरानी पॉइंट है इसलिए मुजफ्फरनगर जाने में कम से कम तीन से चार दिन और लगेंगे. टिकैत ने कहा, जब हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड का किसान अपने घर नहीं पहुंच जाता, तब तक वे घर नहीं जाएंगे. टिकैत ने कहा, हम आखिरी तक यहीं पर टिके रहेंगे.
बॉर्डर खाली करने में लगेंगे दो दिन
उधर, संयुक्त मोर्चा के सूत्रों ने बताया कि बॉर्डर खाली करने में दो दिन का समय लगेगा. इसके अलावा किसानों का प्रदर्शन अन्य रूपों में जारी रहेगा. जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती, या लिखित में नहीं मिलता, राज्यों में प्रदर्शन होंगे.