किसान आंदोलन को लेकर चौतरफा दबाव के बीच नरेंद्र मोदी सरकार भी एक्टिव हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर पर रविवार रात किसान आंदोलन के मद्देनजर बैठक बुलाई गई. इस अहम बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे और यह बैठक करीब 2 घंटे तक चली.
Delhi: Union Home Minister Amit Shah leaves BJP President JP Nadda's residence after a meeting on farmers' issue https://t.co/C9KpJM95zn pic.twitter.com/LX0dfS3k2B
— ANI (@ANI) November 29, 2020
किसान आंदोलन पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर बड़ी बैठक बुलाई गई जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए. 2 घंटे चली बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री जीतेंद्र सिंह तोमर पहले निकले. बाद में गृह मंत्री अमित शाह ने नड्डा के घर से निकले.
Delhi: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar leaves BJP National President J P Nadda's residence after a meeting pic.twitter.com/T0jfFHnW5s
— ANI (@ANI) November 29, 2020
गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को किसानों से प्रदर्शन के लिए बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में जाने का आह्वान किया था, लेकिन किसान संगठनों ने गृह मंत्री के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. किसानों का कहना है कि उनका प्रदर्शन सिंधु बॉर्डर पर ही जारी रहेगा. शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि किसान सिंधु बॉर्डर से हट जाएं और बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में चले जाएं.
दूसरी ओर, सिंधु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आंदोलन तेज करने का आह्वान किया है. उनका कहना है कि 1 दिसंबर से अन्य राज्यों में भी प्रदर्शन शुरू होगा. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा के किसान भारी संख्या में गोलबंद होकर पहुंच रहे हैं. यूपी और उत्तराखंड के किसान भी दिल्ली आ रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने रविवार को कहा कि दिल्ली आने वाली पांच सड़कों को हम जाम कर देंगे. हम 5 प्वाइंट पर धरना देंगे. उन्होंने कहा कि हमारी ट्रैक्टर ट्रॉली में पूरा इंतजाम है. वह कमरे के बराबर है और उसमें हमने सारी व्यवस्था की है.
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दूसरी ओर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया है कि वे किसानों की सुनें और कृषि कानूनों पर फिर से विचार करें.
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