लंबे समय से किसान आंदोलन से त्रस्त पंजाब को आज शनिवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब राज्य के कई किसान संगठनों के साथ हुई बैठक में संगठनों ने रेलवे ट्रैक खाली करने पर हामी भरते हुए कहा कि अगले 15 दिनों के लिए रेलवे ट्रैकों को तमाम पैसेंजर और कार्गो ट्रेनों के लिए खाली कर दिया जाएगा. किसान संगठनों का यह फैसला मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है.
हालांकि किसान संगठनों की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर 15 दिनों में केंद्र सरकार के साथ बातचीत आगे नहीं बढ़ती और कोई सकारात्मक रिस्पॉन्स केंद्र सरकार की ओर से नहीं आता तो 15 दिन बाद किसान संगठन एक बार फिर से अपने आंदोलन को शुरू करेंगे और उनकी ओर से रेलवे ट्रैकों को जाम कर दिया जाएगा.
Farmer unions have announced allowing resumption of all trains from the day after tomorrow for 15 days during which Central Govt should open talks. If talks don't happen in 15 days, then agitation will resume: Information & Public Relations Department, Punjab
— ANI (@ANI) November 21, 2020
सोमवार से पंजाब के तमाम रेलवे ट्रैकों को किसान संगठन पैसेंजर और कार्गो ट्रेनों के लिए खाली करने पर राजी हो गए हैं.
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इस बीच किसान संगठनों की ओर से फैसले के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'किसान संगठनों के साथ उपयोगी बैठक हुई. यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि 23 नवंबर की रात से किसान संगठनों ने अगले 15 दिनों के लिए रेल ट्रैकों को खाली करने का निर्णय लिया है. मैं इस कदम का स्वागत करता हूं क्योंकि यह हमारी अर्थव्यवस्था के लिए सामान्य स्थिति को बहाल करेगा. मैं केंद्रीय सरकार से पंजाब के लिए रेल सेवाओं को फिर से शुरू करने का अनुरोध करता हूं.'
Happy to share that starting 23rd Nov night, Kisan Unions have decided to end rail blockades for 15 days. I welcome this step since it'll restore normalcy to our economy. I urge Central Govt to resume rail services to Punjab forthwith: Punjab CM after meeting Kisan Unions. https://t.co/fxDhMrloyC pic.twitter.com/5Kkm4yzMUn
— ANI (@ANI) November 21, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ 50 दिन से भी ज्यादा समय से पंजाब में किसान आंदोलनरत हैं. किसान आंदोलन के कारण राज्य में रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित है क्योंकि आंदोलनकारी किसान रेल परिसर, प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैक समेत कई जगहों पर डटे हुए हैं. जिसकी वजह से ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा था. पंजाब में किसानों के विरोध-प्रदर्शन के कारण रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो रहा है.
पिछले महीने 1 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच रेलवे को मालगाड़ियां रद्द होने के चलते करोड़ों का नुकसान हुआ है. भारतीय रेलवे को रोजाना 36 करोड़ रुपये मालभाड़े के नुकसान होने का अनुमान है. सूत्रों के अनुसार पंजाब के पांच बिजली घरों को 520 रैक कोयले की आपूर्ति नहीं की जा सकी जिसके चलते भारतीय रेल को 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
किसानों के प्रदर्शन के बीच पंजाब में तमाम रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों और मालगाड़ियों का संचालन बाधित है. ऐसे में राज्य के कई तमाम थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले की सप्लाई पर भी असर पड़ रहा है जिससे बिजली सप्लाई बाधित होने का डर है.