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PM मोदी को किसानों ने लिखा खुला पत्र, MSP समेत 6 मांगों की सौंपी सूची, आंदोलन रहेगा जारी

Farmers letter to PM Modi: अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त किया जाए, MSP पर कानून बनें, झूठे केस वापस लिए जाएं, इन मांगों को मिलाकर कुल 6 मांगें किसानों ने पीएम मोदी से की है. किसानों ने कहा जब तक ये मांगें पूरी नहीं होंगी, किसान पीछे नहीं हटेगा.

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Farmers letter to PM Modi (PTI image)
Farmers letter to PM Modi (PTI image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों ने की 6 मांगें, प्रदर्शन पहले की तरह रहेगा जारी
  • अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्‍त करने की मांग

Farmers letter to PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) तीन कृषि कानून (3 Farm law) पर रोक लगा चुके हैं. साथ ही वह निवेदन कर चुके हैं कि अब किसानों को वापस घर लौट जाना चाहिए. इसी बीच किसानों के संगठन संयुक्‍त  किसान एकता मोर्चा ने पीएम मोदी के नाम एक खुल पत्र लिखा है, जिसमें उन्‍होंने MSP समेत 6 बड़ी मांगें की हैं. 

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पीएम मोदी को लिखे पत्र में संयुक्‍त किसान मोर्चा ने इस पत्र में एमएसपी की गारंटी के लिए केंद्रीय कानून सहित किसान आंदोलन की लंबित मांगों को उठाया है. किसानों ने इस पत्र में लिखा है, "देश के करोड़ों किसानों ने 19 नवंबर 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम आपका संदेश सुना,  हमने गौर किया कि 11 राउंड वार्ता के बाद आपने द्विपक्षीय समाधान की बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, लेकिन हमें खुशी है कि आपने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. हम उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार इस वचन को जल्द से जल्द और पूरी तरह निभायेगी."

इस खुले पत्र में किसानों ने आगे लिखा, "प्रधानमंत्री जी, आप भली-भांति जानते हैं कि तीन काले कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एकमात्र मांग नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ वार्ता की शुरुआत से ही तीन और मांगे उठाई थी". 

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किसानों की ये हैं तीन मांगे 

1. खेती की संपूर्ण लागत पर आधारित (C2+50%) न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी कृषि उपज के ऊपर, सभी किसानों का कानूनी हक बना दिया जाये, ताकि देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो सके. 
2. सरकार द्वारा प्रस्तावित "विद्युत अधिनियम संशोधन विधेयक, 2020/2021" का ड्राफ्ट वापस लिया जाए (वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि इसे वापस लिया जाएगा, लेकिन फिर वादाखिलाफी करते हुए इसे संसद की कार्यसूची में शामिल किया गया था. 

3. "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम, 2021" में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाए 

किसानों ने इस पत्र में आगे लिखा कि आपके संबोधन में इन बड़ी मांगों पर ठोस घोषणा ना  होने से किसानों को निराशा हुई है. किसान ने उम्मीद लगाई थी की इस ऐतिहासिक आंदोलन से न सिर्फ तीन कानूनों की बला टलेगी, बल्कि उसे अपनी मेहनत के दाम की कानूनी गारंटी भी दी जाएगी. 

इन तीन मांगों के अलावा किसानों ने तीन और मांगे इस पत्र में लिखी हैं. 
4. दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, यूपी और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान (जून 2020 से अब तक) सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है. इन केसों को वापस लिया जाए. 

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5. लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए. 

6. इस आंदोलन के दौरान अब तक लगभग 700 किसान शहीद हो चुके हैं. उनके परिवारों के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.  शहीद किसानों की स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंधू बॉर्डर पर जमीन की व्‍यवस्‍था की जाए. 

संयुक्‍त किसान मोर्चा ने जो प्रेस रिलीज जारी की है, उसमें किसानों ने लिखा है कि प्रधानमंत्री , आपने किसानों से अपील की है कि अब हम घर वापस चले जाए. लेकिन हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन बाकी मुद्दों का निपटारा करें ताकि और हम खेतीबाड़ी में वापस लौटे. किसानों ने आगे लिखा कि अगार आप चाहते हैं कि ऐसा हो तो सरकार इन छह मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा के साथ बातचीत शुरू करे, तब मोर्चा अपने पहले की तरह  इस आंदोलन को जारी रखेगा. 

 

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