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भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, तूफान, बड़े स्तर पर आग, बम धमाके आदि जैसी कोई आपदा जब भी देश में या अन्य किसी देश में भी आती है तो खबरों में एक शब्द बार-बार सुनने को मिलता है. ये है एनडीआरएफ. अब इन दिनों तुर्की और सीरिया में भूकंप के चलते आए महाविनाश में जारी बचाव और राहत की खबरों में ये शब्द बार- बार सुनाई दे रहा है. दरअसल भारत ने ऑपरेशन दोस्त के तहत इन देशों में मदद के लिए NDRF की कई टीमें भेजी हैं. आखिर ये एनडीआरएफ है क्या और बड़ी से बड़ी मुसीबत में लोगों की मदद को उतरने में क्यों नहीं घबराता? कैसे ये मौत के मुंह में दबे मासूमों को बड़ी बहादुरी से खींच लाता है?
दरअसल, एनडीआरएफ या राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एक स्पेशल यूनिट है जो आपदा की स्थिति के लिए एक्सपर्ट और डेडिकेटेड रेस्पोंस के लिए गठित किया गया है. इस यूनिट के गठन का संवैधानिक प्रावधान आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 44-45 के माध्यम से किया गया है. 2006 में बनकर तैयार हुआ हुए NDRF के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ऑफिशियल सुप्रीम यूनिट है. भारत के प्रधानमंत्री एनडीएमए के अध्यक्ष हैं.
कई बड़ी तबाहियों के बाद बनाया गया NDRF
एनडीआरएफ की आधिकारिक वेबसाइट www.ndrf.gov.in के अनुसार नब्बे के दशक के मध्य और उसके बाद के दशक में आपदा प्रतिक्रिया और तैयारी को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बहस और चर्चा हुई. यहां योकोहामा स्ट्रैटेजी प्लान (1994) और ह्योगो फ्रेमवर्क फॉर एक्शन (2005) कुछ अधिक इफेक्टिव थे, जिन्हें यूएन द्वारा अपनाया गया था. इसी दौरान भारत ने उड़ीसा सुपर साइक्लोन (1999), गुजरात भूकंप (2001) और हिंद महासागर सुनामी (2004) जैसी कुछ सबसे गंभीर नेचुरल डिजास्टर का सामना किया. इन घटनाओं के बाद एक डिजास्टर मैनेजमेंट यूनिट की जरूरत महसूस हुई. इसके बाद 26 दिसंबर, 2005 को आपदा प्रबंधन अधिनियम को लाया गया. आपदा प्रबंधन के लिए नीतियों, योजनाओं और दिशानिर्देशों को निर्धारित करने के लिए साल 2006 में केवल 8 बटालियन के साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) का गठन किया गया था.
बड़ी आपदाओं में होती है तैनाती
बिजनेस इंसाइडर की एक खबर के अनुसार भारत में आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है. गृह मंत्रालय प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार में नोडल मंत्रालय है. जब देश पर कोई गंभीर आपदा आती है तो प्रभावित राज्य को आवश्यक सहायता और सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है. इसमें सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, आवश्यक संचार और अन्य चीजों की तैनाती भी शामिल होगी.
'आपदा सेवा सदैव सर्वत्र'
एनडीआरएफ का आदर्श वाक्य है- आपदा सेवा सदैव सर्वत्र, यानी एनडीआरएफ किसी भी तरह की आपदा में राहत पहुंचाने के हमेशा तत्पर रहती है. बल के डेडिकेशन और कमिटमेंट को उनका आदर्श वाक्य बखूबी दर्शाता है.
12 बटालियन, हर बटालियन में 1149 जवान
एनडीआरएफ 12 बटालियन से बना है. इन बटालियनों को पैरामिलिट्री फोर्स की तरह ही ऑर्गेनाइज किया जाता है. प्रत्येक बटालियन में कर्मियों की कुल संख्या 1149 होती है. एनडीआरएफ की प्रत्येक बटालियन 18 सेल्फ कंटेन्ड स्पेशलिस्ट सर्विस करने में सक्षम है. 45 बचाव कर्मियों की उनकी टीम में इंजीनियर, इलेक्ट्रीशियन, तकनीशियन, पैरामेडिक्स, चिकित्सा पेशेवर और डॉग स्क्वॉड शामिल हैं. प्राकृतिक आपदा के दौरान सहायता प्रदान करने के अलावा, एनडीआरएफ परमाणु, जैविक, रासायनिक और रेडियोलॉजिकल आपदा जैसी संकट की स्थितियों को भी संभाल सकता है.
इसलिए 12 विभिन्न स्थानों पर तैनात होते हैं जवान
एनडीआरएफ की 12 बटालियनों को उनकी तैनाती के लिए जरूरी रेस्पोंस टाइम को कम करने के लिए विभिन्न स्थानों की वल्नरेबिलिटी प्रोफाइल के आधार पर देश भर में 12 विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है. एनडीएमए राज्य के अधिकारियों के परामर्श से एक खतरनाक आपदा की स्थिति के दौरान इन बलों की सक्रिय तैनाती करता है.
सुपर एक्टिव और टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड
भारत में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एक सुपर एक्टिव और टेक्नोलॉजी ओरिएंटेड आपदा प्रबंधन रणनीति के विकास के माध्यम से एक सुरक्षित और डिजास्टर रजिस्टेंट भारत के निर्माण के उद्देश्य से काम करता है. एनडीआरएफ ने भूस्खलन, बाढ़, चक्रवात, इमारत गिरने और कई अन्य गंभीर घटनाओं के दौरान अपने सराहनीय प्रदर्शन के मामले में अपनी दक्षता साबित की है. एनडीआरएफ के कर्मियों को किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए पूरी तरह से ट्रेन्ड व मॉक ड्रिल और अन्य यूनिट्स के साथ संयुक्त अभ्यास के अधीन किया जाता है.
कैसे होती है एनडीआरएफ जवानों की ट्रेनिंग?
एनडीआरएफ के जवानों की काफी सख्त और खास ट्रेनिंग होती है. एनडीआरएफ की बेवसाइट से मिली जानकारी के अनुसार इस ट्रेनिंग के लिए पूरे साल का शिड्यूल जारी किया जाता है. इसमें ऑक्सी फ्यूल कटिंग कोर्स, स्कूल सेफ्टी, बोट मैनेजमेंट कोर्स, फायर फाइटिंग और एनिमन डिजास्टर समेत कई और तरीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है. इतना ही नहीं इसमें कैमिकल, रेडियोलॉजिकल, बायोलॉजिकल और न्यूक्लीयर इमरजेंसी भी शामिल होते हैं.
सेना के थ्री स्टार जनरल के बराबर होता NDRF का महानिदेशक
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा शासित है. एनडीआरएफ प्रमुख को महानिदेशक के रूप में जाना जाता है. इस पद पर भारतीय पुलिस संगठनों से आईपीएस अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर तैनात होते हैं. एनडीआरएफ के महानिदेशक का रैंक सेना के थ्री स्टार जनरल के बराबर होता है. एनडीआरएफ में महानिदेशक के अलावा कई इंस्पेक्टर जनरल और डिप्टी आईजी भी होते हैं.