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क्या बंद होने वाला है ये नामी कोचिंग सेंटर? JEE एग्जाम से पहले पेरेंट्स को सता रहा लाखों डूबने का डर

कुछ अभ‍िभावकों का कहना है कि उन्होंने बैंक से लोन लेकर या कर्ज लेकर एडवांस में पूरी फीस भरी है, यदि कोचिंग यहां से चली गई तो उनका पैसा तो डूबेगा ही, बच्चों की तैयारी भी वेस्ट हो जाएगी. बता दें कि कुछ अभ‍िभावकों ने जिलाध‍िकारी से 13 जनवरी को कोच‍िंग सेंटर की श‍िकायत की थी.

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प्रतीकात्मक फोटो (Image: Generative AI by Vani Gupta/Aaj Tak)
प्रतीकात्मक फोटो (Image: Generative AI by Vani Gupta/Aaj Tak)

अपने बच्चे को आईआईटी से पढ़ाकर इंजीन‍ियर बनाने का सपना देखने वाले सैकड़ों अभिभावक टेंशन में हैं. आरडीसी राजनगर गाजियाबाद के फिटजी पर बिना रजिस्ट्रेशन के कोच‍िंग चलाने, अभ‍िभावकों व छात्रों के साथ धोखाधड़ी और गुमराह करके फीस वसूलने और लाखों की फीस एडवांस में जमा कराने का केस दर्ज हुआ है. केज दर्ज होने के बाद पेरेंट्स की चिंता और बढ़ गई है.

पेरेंट्स का कहना है कि 21 जनवरी को ही जेईई मेंस का एग्जाम है, और अब बच्चों की तैयारी कैसे होगी. कुछ अभ‍िभावकों का कहना है कि उन्होंने बैंक से लोन लेकर या कर्ज लेकर एडवांस में पूरी फीस भरी है, यदि कोचिंग यहां से चली गई तो उनका पैसा तो डूबेगा ही, बच्चों की तैयारी भी वेस्ट हो जाएगी. बता दें कि कुछ अभ‍िभावकों ने जिलाध‍िकारी से 13 जनवरी को कोच‍िंग सेंटर की श‍िकायत की थी.

श‍िकायतकर्ताओं का कहना था कि उन्होंने अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए 3.5 लाख रुपये से लेकर पांच लाख तक एडवांस फीस दे रखी है. कुछ समय से धीरे धीरे टीचर्स संस्था को छोड़कर जा रहे हैं. यहां के टीचर्स और कर्मचार‍ियों का भुगतान नहीं किया गया है. बीते कई दिनों से बच्चों की कक्षाएं भी संचालित नहीं हो रही हैं, जिससे पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. भव‍िष्य में किसी प्रकार की कक्षाएं संचालित होने या नहीं होने की ठोस जानकारी भी नहीं दी जा रही, जिससे अभ‍िभावक और बच्चे मानस‍िक दबाव में आ रहे हैं. अभिभावकों द्वारा फीस वापसी का अनुरोध भी क‍िया गया है.

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इसके बाद जिला विद्यालय न‍िरीक्षक ने एक्शन लेते हुए कोचिंग सेंटर के जिम्मेदार लोगों पर कवि नगर थाने में श‍िकायत दर्ज की थी. पुलिस को दी श‍िकायत में जिला विद्यालय न‍िरीक्षक ने कहा कि फिट जी नाम से आरडीसी राजनगर में कोई कोचिंग सेंटर पंजीकृत नहीं है. इससे स्पष्ट है कि इनके द्वारा पूर्व पंजीकरण कराए बिना अवैध रूप से कोंच‍िग सेंटर संचालित किया जा रहा है. यह उत्तर प्रदेश कोच‍िंग व‍िन‍ियमन अध‍िनियम 2002 का उल्लंघन है.

जिला व‍िद्यालय न‍िरीक्षक ने कव‍ि नगर थानाध्यक्ष को दी श‍िकायत में कहा कि उक्त से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि फिट जी ल‍िमिटेड डी 6 व 7 आरडीसी राजनगर गाजियाबाद द्वारा अभ‍िभावकों/ बच्चों से धोखाधड़ी करते हुए गुमराह करके फीस वसूली गई है. उन्होंने कोचिंग व‍िन‍ियमन अध‍िन‍ियम 2002, 27 जून 2002 में दिए गए प्राव‍िधानों का उल्लंघन और अवैध रूप से संचालित कोचिंग सेंटर के निदेशक और श‍िकायती पत्र में दिए गए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में र‍िपोर्ट दर्ज करके व‍िध‍िक कार्यवाही करने को कहा. जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.

न बिल्डिंग का क‍िराया दिया, न टीचर्स को सैलरी

इसी कोचिंग में अपने बच्चे को पढ़ाने वाले अभ‍िभावक रुच‍िर मेहता ने बताया कि चार-पांच महीने से सेंटर के टीचर्स को सैलरी नहीं मिली. हमें पता चला है कि वो सभी छोड़कर जा रहे. यही नहीं बीते महीनों से बिल्डिंग का भी किराया नहीं दिया. अब इन हालातों में ये सेंटर कैसे चलेगा. अभ‍िभावकों ने डीएम से श‍िकायत की थी, जिसके बाद जिला व‍िद्यालय न‍िरीक्षक की तरफ से एफआईआर करा दी गई है. रुचिर ने कहा कि कोचिंग ने किसी से साढ़े तीन लाख तो किसी से 5 लाख लिए है. मेरा बच्चा पिछले साल अप्रैल 2024 से पढ रहा है. हम अब भी चाहते हैं कि ये कोचिंग सेंटर बंद न हो, वरना हम सबका बहुत नुकसान होगा.

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पति की कोरोना में डेथ हुई, स‍िंगल पेरेंट हूं...

अभ‍िभावक कुमुद अग्रवाल ने कहा कि मेरा बेटा वहां पढ़ रहा था. अब यहां से पुराने टीचर जा चुके हैं. हमें 3.6 लाख रिफंड भी नहीं मिला. मेरा बच्चा तनाव में आ गया है, क्लासेज नहीं हो पा रही है. हम लोग मेंटल ट्रॉमा में हैं. मेरा बच्चा अभी 11वीं में है, आगे कैसे कहां पढ़ेगा, समझ नहीं आ रहा. कोव‍िड में बच्चों के पिता गुजर गए. दो बच्चे मैं अकेले पाल रही हूं. प्राइवेट टीच‍िंग करती हूं, इसी से बच्चों की फीस भरती हूं.

बाहर के टीचर्स ले रहे क्लास

अभ‍िभावक मोनिका अग्रवाल का कहना है कि कोचिंग सेंटर ने दो-दो साल की चार-चार लाख रुपये फीस ले ली है. किराया नहीं देने के कारण अब बिल्डिंग को खाली करने का नोट‍िस भी चस्पा हो चुका है. कोचिंग में पुराने टीचर्स हैं नहीं, आज क‍िसी कोचिंग सेंटर से सस्ते टीचर्स ले आए हैं जो क्लास ले रहे हैं. कोचिंग में करीब 800 बच्चे हैं, इनमें से कई लोन लेकर पढ़ा रहे हैं. मोनिका कहती हैं कि मेरा बच्चा 11वीं में है, उन बच्चों का क्या होगा जिनका 21 जनवरी को JEE Mains का एग्जाम है. पेरेंट्स तो परेशान हैं ही, बच्चे भी डिप्रेशन में हैं. हमने सोचा था कि बच्चे का इंजीनियरिंग में कहीं हो जाएगा. अब दोबारा कैसे फीस देंगे.

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क्या कहते हैं कोच‍िंग सेंटर के इचार्ज?

अभ‍िभावकों के आरोपों पर FIITJEE आरडीसी राजनगर के सेंटर इंचार्ज आशीष गुप्ता ने aajtak.in को दिए बयान में कहा कि हम लगातार कक्षाएं ले रहे हैं. फैकल्टी सेंटर रजिस्टर्ड है जिसकी रीन्यूअल फीस जमा है. वर्तमान में शेड्यूल के अनुसार ही क्लासेज चल रही हैं.

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