छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर छापा मारने पहुंची प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर हमले के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. कांग्रेस नेता सनी अग्रवाल समेत 15 अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुरानी भिलाई थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. ईडी अधिकारियों पर हमले और उनके वाहनों पर पथराव के बाद दुर्ग पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
ईडी ने सोमवार को शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल से 11 घंटे तक पूछताछ की. छापेमारी के बाद जब अधिकारी महत्वपूर्ण दस्तावेज और कैश काउंटिंग मशीन लेकर बाहर निकले, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के उग्र समूह ने उनके वाहनों को घेर लिया था.
आरोप है कांग्रेस नेता सनी अग्रवाल ने एक वाहन पर पत्थर फेंका, जबकि अन्य प्रदर्शनकारियों ने लात-घूंसे चलाए. दुर्ग पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने बताया, "ईडी से शिकायत मिली कि प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को रोकने की कोशिश की और पथराव किया, जिससे एक वाहन की खिड़की का शीशा टूट गया. मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई है."
यह भी पढ़ें: भूपेश बघेल के घर पर ईडी का छापा, 35 लाख कैश हुआ बरामद
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने चैतन्य बघेल और उनके सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल के परिसरों पर पीएमएलए के तहत तलाशी ली. चैतन्य पर शराब घोटाले से हुई आय का लाभार्थी होने का संदेह है. छापेमारी की खबर फैलते ही कांग्रेस कार्यकर्ता बघेल के आवास के बाहर जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. अधिकारियों के बाहर निकलते वक्त भीड़ ने वाहनों पर हमला किया, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हाथापाई हुई.
यह घटना छत्तीसगढ़ में राजनीतिक तनाव को और बढ़ाने वाली साबित हुई है. कांग्रेस ने इसे केंद्र सरकार की बदले की कार्रवाई करार दिया है, जबकि बीजेपी ने कानूनी प्रक्रिया का समर्थन किया है. पुलिस अब प्रदर्शनकारियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए आगे की कार्रवाई कर रही है.