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बेंगलुरु में बाल आयोग अध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज, दारुल उलूम के अनाथालय में जबरन घुसने का है आरोप

बाल आयोग के अध्यक्ष पर बेंगलुरु में दारुल उलूम द्वारा संचालित अनाथालय में जबरन घुसने के आरोप में ये केस दर्ज हुआ है. ये केस अनाथालय के ट्रस्टी अशरफ खान की तरफ से डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है. वहीं इसको लेकर प्रियंक कानूनगो ने कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा है.

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राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो के खिलाफ कर्नाटक में केस दर्ज किया गया है. बेंगलुरु में दारुल उलूम द्वारा संचालित अनाथालय में जबरन घुसने के आरोप में ये केस दर्ज हुआ है. ये केस अनाथालय के ट्रस्टी अशरफ खान की तरफ से डीजे हल्ली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया गया है.

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अब इसको लेकर प्रियंक कानूनगो ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम राज्य में संविधान की जगह शरीयत कानून लागू करना चाहते हैं.

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रियंक कानूनगो ने लिखा, "बेंगलुरु में दारुल उलूम द्वारा इस्लामिक तरीकों से चलाए जा रहे अवैध अनाथालय की सच्चाई उजागर करने के प्रतिशोध में कर्नाटक सरकार ने मेरे खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. तुष्टिकरण की नीति के कारण मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राज्य में संविधान की जगह शरीयत कानून लागू करना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे.

बता दें कि प्रियंक कानूनगो ने कुछ दिनों पहले ही दारुल उलूम सईदिया बाल अनाथालय का दौरा किया था. इस दौरान उन्होंने यहां बच्चों के साथ तालिबान जैसा व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया था. उन्होंने वीडियो में आरोप लगाया था कि अनाथालय में रहने वाले बच्चों को स्कूल न भेजकर शिक्षा से वंचित किया जा रहा है. 

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