केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लेकर उन्होंने विवादित बयान दिया था. उन्होंने उद्धव ठाकरे को 'थप्पड़' मारने की बात कही थी. नारायण राणे ने ये बयान जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दिया था. इसके बाद उनके खिलाफ तीन पुलिस थानों में FIR दर्ज की गई है. राणे के खिलाफ नासिक, पुणे और महाड़ में केस दर्ज किया गया है.
उद्धव ठाकरे को लेकर दिए विवादित बयान को लेकर नारायण राणे के खिलाफ महाराष्ट्र के महाड़ पुलिस थाने में FIR दर्ज की गई है. नारायण राणे के खिलाफ IPC 153, 189, 504, 505 (2) और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. ये FIR महाड़ के युवा सेना अधिकारी सिद्धेश पाटेकर की शिकायत पर दर्ज किया गया है. मामले की जांच का जिम्मा महाड़ के एसपी शैलेश सणस को सौंपी गई है.
महाड़ में ही बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम और कोरोना रोकथाम अधिनियम के तहत एक और मामला भी दर्ज कराया गया है. जिस जगह केंद्रीय मंत्री राणे मौजूद थे, वहां मौजूद तकरीबन 125 लोगों पर आपदा प्रबंधन के तहत मामला दर्ज किया गया है.
क्या कहा था राणे ने?
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) ने जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान दावा किया था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ये भूल गए थे कि देश कब आजाद हुआ था. उन्होंने ये भी दावा किया था साल भूलने के बाद उन्होंने अपने सहयोगी से पूछा था.
इस पर राणे ने कहा था, 'ये शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को ये नहीं पता कि हमें आजाद हुए कितने साल हो गए. अपने भाषण के दौरान उन्होंने पीछे मुड़कर अपने सहयोगी से पूछा था. अगर मैं वहा होता तो उन्हें जोरदार थप्पड़ मारता.'
तेज हुई सियासत...
नारायण राणे के विवादित बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासत भी तेज हो गई है. शिवसेना ने राणे के खिलाफ मुंबई समेत कई जगहों पर पोस्टर लगाए हैं. शिवसेना सांसद विनायक राउत ने कहा कि राणे अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं. उन्होंने कहा, 'बीजेपी लीडरशिप को इम्प्रेस करने के लिए राणे शिवसेना और उसके नेताओं पर हमला कर रहे हैं. मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. पीएम मोदी को उन्हें बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए.'
कौन हैं नारायण राणे?
नारायण राणे ने अपनी राजनीति की शुरुआत 1960 के दशक में बाल ठाकरे (Bal Thackeray) के साथ की थी. 1990 में वो पहली बार शिवसेना के टिकट पर विधायक चुने गए. फरवरी 1999 में नारायण राणे ने महाराष्ट्र के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. 2005 में बाल ठाकरे के साथ मतभेदों के चलते राणे शिवसेना छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस की सरकार में उन्हें राजस्व मंत्री बनाया गया था. 2017 में उन्होंने कांग्रेस भी छोड़ दी और अपने दो बेटों नीलेश और नीतेश के साथ मिलकर महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी बनाई. बाद में इस पार्टी का बीजेपी में मर्जर हो गया.