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मणिपुर के बिष्णुपुर में फिर भड़की हिंसा, इंफाल में वापस ली कर्फ्यू में दी गई ढील

मणिपुर में एक बार फिर हिंसा देखने को मिली है. यहां बिष्णुपुर में मैतेई महिलाओं की भीड़ प्रदर्शन कर रही थी, जिसे सुरक्षाबलों और स्थानीय पुलिस ने रोकने की कोशिश की. जब भीड़ नहीं रुकी तो पहले मिर्च का स्प्रे किया गया और फिर हवाई फायरिंग की गई.

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मणिपुर के बिष्णुपुर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई.
मणिपुर के बिष्णुपुर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई.

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. एक बार फिर राज्य के बिष्णुपुर में हिंसक झड़प हुई. हालात बिगड़ने के बाद सुरक्षाबलों को हवाई फायरिंग करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े. इसके साथ ही मणिपुर के इंफाल और पश्चिमी इंफाल जिलों में कर्फ्यू में दी गई ढील वापस ले ली गई है.

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बिष्णुपुर में हिंसा के दौरान आजतक की टीम मौके पर मौजूद थी. यहां सुरक्षाबलों और मैतेई प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. सुरक्षाबलों के साथ ही वहां तैनात मणिपुर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की. आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इस झड़प में कई लोगों के घायल होने की बात भी सामने आई है.

दरअसल, बिष्णुपुर में एक बफर जोन बनाया गया है, मैतेई प्रदर्शनकारी महिलाएं उस बफर जोन को पार करने की कोशिश कर रही थीं. इस दौरान ही असम राइफल्स ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इसके बाद लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. सशस्त्र बलों ने पहले मिर्च का स्प्रे कर भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई. इसके बाद सुरक्षाबलों को हवाई फायरिंग करनी पड़ी.

मणिपुर विवाद के क्या कारण?

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> कुकी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है, लेकिन मैतेई अनूसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं.

> नागा और कुकी का साफ मानना है कि सारी विकास की मलाई मूल निवासी मैतेई ले लेते हैं.

> कुकी ज्यादातर म्यांमार से आए हैं.

> मणिपुर के चीफ मिनिस्टर ने मौजूदा हालात के लिए म्यांमार से घुसपैठ और अवैध हथियारों को ही जिम्मेदार ठहराया है. करीब 200 सालों से कुकी को स्टेट का संरक्षण मिला. कई इतिहासकारों का मानना है कि अंग्रेज नागाओं के खिलाफ कुकी को लाए थे.

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