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बाढ़ और बादल फटने से अरुणाचल-असम समेत कई राज्यों में हालात बेकाबू, सरकार ने उठाए ये कदम

अरुणाचल प्रदेश और असम समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई है. वहीं, अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में बादल फटने से कई जगह भूस्खलन हुआ है. इन राज्यों में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं, जिसकी वजह से राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं.

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Assam Flood (Photo- PTI)
Assam Flood (Photo- PTI)

अरुणाचल प्रदेश और असम में भारी बारिश के चलते जन-जीवन अस्त व्यस्त है. अधिकारियों ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में रविवार सुबह बादल फटने से कई जगह भूस्खलन हुआ और बाढ़ आ गई है. हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश के बावजूद पिछले दो दिनों में मौसम में सुधार हुआ है. मौसम विभाग की मानें तो अभी बारिश का कोई पूर्वानुमान नहीं है. 

अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में हुआ भूस्खलन

अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने की घटना सुबह करीब 10:30 बजे हुई, जिससे ईटानगर और आस-पास के इलाकों में कई जगह भूस्खलन हुआ. आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य की राजधानी की कनेक्टिविटी के लिए महत्वपूर्ण NH-415 पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई, जिससे कई वाहन फंस गए. 

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ईटानगर में भारी बारिश के कारण एनर्जी पार्क और बैंक तिनाली इलाकों के आस-पास के घर जलमग्न हो गए. वहीं, जिला प्रशासन ने लोगों को नदियों या भूस्खलन वाले क्षेत्रों में ना जाने की सलाह दी है और भारी बारिश के कारण सुरक्षित क्षेत्रों में जाने का आग्रह किया है. 

राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव दानी सालू ने बताया कि ईटानगर में कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं. एनएच-415 के कुछ हिस्से जलमग्न हो गए हैं, जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है. उन्होंने बताया कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. हालांकि, संपत्ति के नुकसान का आकलन विभागीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्र मूल्यांकन के बाद ही किया जाएगा. इसके अलावा स्थानीय लोगों से मॉनसून के दौरान सावधानी बरतने को कहा गया है. 

बता दें कि जिला प्रशासन के अधिकारियों, उपायुक्त श्वेता नागरकोटी मेहता, ईटानगर नगर निगम आयुक्त, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और पुलिस कर्मियों की भागीदारी में बचाव और राहत अभियान चल रहा है. वहीं अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जिला प्रशासन द्वारा सात राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. 

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असम में बाढ़ से हालात हुए बेकाबू

असम में मॉनसून आने के बाद से ही लगातार भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. हालांकि, असम में बाढ़ की स्थिति में रविवार को सुधार हुआ क्योंकि आठ जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या घटकर दो लाख हो गई. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बाजाली, बारपेटा, कछार, दरांग, गोलपारा, कामरूप, करीमगंज और नलबाड़ी जिलों में 2,07,500 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. 

असम का करीमगंज बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 1.1 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. इसके बाद कछार में लगभग 52,500 और दरांग में लगभग 30,000 नागरिक बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं. वहीं, शनिवार तक राज्य के 11 जिलों में 2.6 लाख से अधिक लोग बाढ़ से पीड़ित थे. ऑफिशियल जानकारी के मुताबिक, इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या 39 है. 

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि बाढ़ से निपटने कृषि, सिंचाई और पर्यटन को विकसित करने में मदद के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को मोड़ने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र में कम से कम 50 बड़े तालाब बनाए जाने चाहिए. मॉनसून के दौरान बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों पर दिल्ली में एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमित शाह ने बाढ़ और जल प्रबंधन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रदान की गई उपग्रह इमेजरी के उपयोग पर भी जोर दिया है. 

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गृह मंत्री के सुझाव पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान ही बाढ़ के हालातों के देखकर फैसला लिया जाएगा कि स्थानीय लोगों को नुकसान पहुंचाए बिना बाढ़ प्रबंधन किया जाए. असम के सीएम ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि बैठक में ब्रह्मपुत्र से बाढ़ के पानी को मोड़ने के लिए बड़े तालाब बनाने से लेकर बाढ़ के प्रभाव को कम करने, पर्यटन को बढ़ावा देने और क्षेत्र में जल स्तर को रिचार्ज करने जैसे अहम फैसले लिए गए हैं. वहीं, राज्य में चल रही बाढ़ की स्थिति के बारे में उन्होंने बताया कि सरकार बाढ़ के प्रभाव से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और पूरा प्रशासन अलर्ट पर है.

आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, प्रशासन 10 जिलों में 211 राहत शिविर और राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है, जहां वर्तमान में 79,325 लोग शरण लिए हुए हैं. अधिकारियों ने पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के बाढ़ पीड़ितों के बीच 1,110.11 क्विंटल चावल, 206.43 क्विंटल दाल, 61.95 क्विंटल नमक और 6,194.48 लीटर सरसों का तेल वितरित किया है. वहीं, एएसडीएमए ने बताया कि वर्तमान में 810 गांवों के लोग बाढ़ के पानी से जूझ रहे हैं और असम में 4,274.13 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को नुकसान पहुंचा है. 

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असम के दरांग, कामरूप और बाजाली में बाढ़ के पानी से तटबंध, सड़कें, पुल और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है. एएसडीएमए ने बताया कि करीमगंज शहर में कुशियारा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, बाढ़ के कारण राज्य भर में 1,70,495 से अधिक पालतू जानवर और मुर्गियां प्रभावित हुई हैं. 

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