अफगान संकट (Afghanistan Crisis) पर बात करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर (Jaishankar) ने कहा है कि मुश्किल वक्त में भारत पहले की तरह अफगान लोगों के साथ खड़ा है. इसके साथ-साथ उन्होंने अफगानिस्तान की फ्लाइट सर्विस को भी फिर दुरुस्त करने पर जोर दिया. जयशंकर ने यह बात संयुक्त राष्ट्र की हाइलेवल मीटिंग में कही. यह मीटिंग अफगानिस्तान में पैदा हुए मानवीय संकट पर हुई थी.
बता दें कि अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कब्जा है. उसने वहां सरकार भी बना ली है, जिसने अफगान के साथ-साथ दूसरे मुल्कों के लिए भी चिंताएं बढ़ा रखी हैं.
कठिन दौर से गुजर रहा अफगानिस्तान: जयशंकर
जयशंकर ने माना कि अफगानिस्तान एक कठिन दौर से गुजर रहा है और आने वाले दिनों में अफगान लोगों को बढ़ती गरीबी का सामना करना पड़ सकता है. इसकी वजह से उस क्षेत्र की स्थिरता खतरे में पड़ सकती है, जिसके परिणाण विनाशकारी होंगे. जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन अफगान के पास वैध कागजात हैं और वे अफनानिस्तान से निकलना चाहते हैं, उनको सुरक्षित निकलने दिया जाना चाहिए.
जयशंकर का ये बयान काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि तालिबान ने अपने लोगों के देश छोड़ने पर एक तरह की पाबंदी लगा रखी है. कई फ्लाइट्स को भी रोका गया है.
इधर, एस. जयशंकर ने काबुल एयरपोर्ट से फ्लाइट सर्विस को सामान्य करने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि कमर्शल फ्लाइट के सामान्य होने से राहत सामग्री वहां आसानी से पहुंचाई जा सकती है.
विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान-भारत के ऐतिहासिक संबंधों का भी जिक्र किया. वह बोले कि अफगान के सभी 34 प्रांतों में हुए विकास कार्य में योगदान भारत और अफगान की दोस्ती की ही निशानी है. जयशंकर ने आगे कहा, 'गंभीर आपात स्थिति में भारत अफगान लोगों के साथ खड़ा है, जैसे पहले खड़ा था. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वहां माहौल सुधारने वाले कदम उठाने पर जोर देना चाहिए.'