यूक्रेन और रूस के संघर्ष के बीच, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जानकारी देते हुए कहा है कि यूक्रेन की राजधानी कीव में अब कोई भी भारतीय नहीं फंसा है. पूरे यूक्रेन से अभी तक 12 हजार छात्रों को निकाला जा चुका है. जबकि यूक्रेन के खारकीव समेत दूसरे इलाके में अब भी 8000 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.
हमारा कोई भी नागरिक अब कीव में नहीं बचा है
हमारे सभी नागरिक कीव छोड़ चुके हैं. प्राप्त जानकारी के मुताबिक हमारा कोई भी नागरिक अब कीव में नहीं बचा है. तब से कीव से किसी ने भी हमसे संपर्क नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि जब हमने अपनी पहली एडवाइजरी जारी की थी, उस समय यूक्रेन में करीब 20,000 भारतीय छात्र थे. अब तक लगभग 12,000 लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं, जो यूक्रेन में हमारे नागरिकों की कुल संख्या का 60% है. बाकी 40% में से, लगभग आधे लोग खार्किव, सूमी क्षेत्र में और बाकी आधे यूक्रेन की पश्चिमी बॉर्डर तक पहुंच गए हैं या फिर यूक्रेन के पश्चिमी भाग की ओर बढ़ रहे हैं. ये लोग संघर्ष वाले क्षेत्रों से बाहर हैं.
Of the remaining 40%, roughly half remain in conflict zone in Kharkiv, Sumy area & the other half have either reached the western borders of Ukraine or are heading towards the western part of Ukraine - they are generally out of conflict areas: Foreign Secretary HV Shringla (2/2) pic.twitter.com/qUExPpm7YR
— ANI (@ANI) March 1, 2022
हमने कीव में सभी नागरिकों को जब संभाव हो सके वहां से बाहर निकलकर, पश्चिमी इलाकों में जाने की सलाह दी थी. वे हंगरी, स्लोवाकिया, रोमानिया, पोलैंड और मोल्दोवा की ओर जा सकते हैं. 7700 नागरिक इन मार्गों से निकल चुके हैं, 2000 वापस आ गए हैं और 4000-5000 भारतीय फ्लाइट का इंतज़ार कर रहे हैं.
बाकी भारतीयों को 26 उड़ानें लेकर आएंगी
उन्होंने कहा कि अगले 3 दिनों में, बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा, भारतीय नागरिकों को लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं. लोगों को भारत लाने के लिए पोलैंड और स्लोवाक गणराज्य के हवाई अड्डों का भी उपयोग किया जाएगा.
भारत ने यूक्रेन भेजी मानवीय सहायता की पहली खेप
उन्होंने यह भी बताया कि मानवीय सहायता की पहली खेप लेकर, आज सुबह पोलैंड के रास्ते यूक्रेन के लिए एक फ्लाइट रवाना हुई. खेप में दवाएं, चिकित्सा उपकरण और अन्य राहत सामग्री शामिल है. एक और उड़ान कल पोलैंड के रास्ते दूसरी खेप ले जाएगी. उन्होंने कहा कि दवाओं के अलावा, हमारे पास और भी कई चीजें हैं जो यूक्रेन में मानवीय सहायता देंगी.
रूस और यूक्रेन के राजदूतों के साथ की बैठक
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि आज दोपहर में मैंने रूस और यूक्रेन के राजदूतों को अलग-अलग बुलाया. मैंने उन सभी से भारतीय नागरिक जो अभी भी खार्किव और संघर्ष क्षेत्र के अन्य शहरों में हैं, उनकी तत्काल सुरक्षित वापसी की मांग को मज़बूती के साथ दोहराया. उन्होंने बताया कि इस बैठक की शुरुआत में खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की दुखद मौत पर खेद और संवेदना व्यक्त की गई.
प्रधानमंत्री ने भारतीय नागरिक की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया
उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने भी भारतीय नागरिक की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है.विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का कहना है कि कल प्रधानमंत्री ने कीव से भारतीयों को निकालने के हमारे प्रयासों में मदद के लिए स्लोवाक गणराज्य और रोमानिया के अपने समकक्षों से बात की थी. इसी प्रयास में उन्होंने अभी-अभी पोलैंड के राष्ट्रपति से भी बात की है. उन्हें फ्रांस और यूरोपीय संघ आयोग के राष्ट्रपतियों से भी फोन आ चुके हैं.
Y'day PM spoke to his counterparts from Slovak Republic & Romania to seek assistance in continued support to our evacuation efforts. He has just now spoken to President of Poland in a similar endeavour. He also received calls from Presidents of France & EU Commission:Foreign Secy pic.twitter.com/U52dXM3nHU
— ANI (@ANI) March 1, 2022