विदेश सचिव विक्रम मिस्री को केंद्र सरकार ने दो साल का सेवा विस्तार (Service Extension) दिया है. वह 30 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत्त (Retire from Service) होने वाले थे. कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमिटी ने मिस्री के सेवा विस्तार को मंजूरी दी. अब वह 14 जुलाई, 2026 तक या अगले आदेश तक विदेश सचिव की भूमिका में बने रहेंगे.
कैबिनेट की अपॉइंटमेंट कमिटी की सेक्रेटरी और स्थापना अधिकारी मनीषा सक्सेना द्वारा हस्ताक्षरित एक नोटिस कहा गया, 'कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने विदेश सचिव के रूप में विक्रम मिस्री, आईएफएस (1989) की सेवानिवृत्ति की तारीख यानी 30.11.2024 से आगे 14.07.2026 तक या अगले आदेश तक, एफआर 56 (डी) के प्रावधानों के मुताबिक जो भी पहले हो, सेवा विस्तार को मंजूरी दे दी है.'
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विक्रम मिस्री ने 15 जुलाई, 2024 को विदेश सचिव के रूप में पदभार ग्रहण किया. उन्होंने विनय क्वात्रा की जगह ली, जिन्हें अमेरिका में भारत का राजदूत नियुक्त किया गया. भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी विक्रम मिस्री ने विदेश मंत्रालय में कई पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं. वह यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में भारतीय मिशनों में विभिन्न पदों पर तैनात रहे हैं.
वह विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान डेस्क पर काम कर चुके हैं और दो विदेश मंत्रियों, आईके गुजराल और प्रणब मुखर्जी के स्टाफ में शामिल रहे हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय में जॉइंट सेक्रेटरी के रूप में कार्य करने के अलावा, उन्होंने भारत के तीन अलग-अलग प्रधानमंत्रियों, आईके गुजराल, डॉ. मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया है. विक्रम मिस्री ब्रुसेल्स, ट्यूनिस, इस्लामाबाद और वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
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वह श्रीलंका में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर और म्यूनिख में भारत के कांसुल जनरल रह चुके हैं. विक्रम मिस्री स्पेन, म्यांमार और चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं. वह विदेश सचिव बनने से पहले हाल ही में भारत के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (रणनीतिक मामले) थे, इस पद पर वे 1 जनवरी, 2022 से 30 जून, 2024 तक रहे.