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चीन की दो दिवसीय यात्रा पर जाएंगे विदेश सचिव विक्रम मिस्री, कई मुद्दों पर होगी बातचीत

विदेश सचिव की यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल द्वारा चीन में विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के एक महीने बाद हो रही है, जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक निष्पक्ष और उचित रूपरेखा की मांग करते हुए समग्र भारत-चीन संबंधों पर एक राजनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था.

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विदेश सचिव विक्रम मिस्री
विदेश सचिव विक्रम मिस्री

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री 26-27 जनवरी को चीन की यात्रा करेंगे, जहां वे दोनों देशों के बीच राजनीतिक, आर्थिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों के अगले कदमों पर चर्चा करेंगे. यह यात्रा हाल ही में नई दिल्ली और बीजिंग द्वारा दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव कम करने के प्रयासों के बाद हो रही है. 

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एक महीने पहले चीन गए थे डोभाल

विदेश सचिव की यह यात्रा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल द्वारा चीन में विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के एक महीने बाद हो रही है, जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को सुलझाने के लिए एक निष्पक्ष और उचित रूपरेखा की मांग करते हुए समग्र भारत-चीन संबंधों पर एक राजनीतिक दृष्टिकोण बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच दिसंबर में स्पेशल रिप्रेंजेंटेटिव लेवल की बातचीत हुई थी. यह अहम बैठक हाल ही में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर पेट्रोलिंग पॉइंट्स और सैन्य डिसइंगेजमेंट को लेकर हुई बातचीत के बाद आयोजित की गई थी. 

बैठक में बनी छह सूत्रीय सहमति

बैठक के बाद चीन ने कहा कि दोनों देशों द्वारा जारी किए गए बयानों में 'बहुत समान सार और तत्व' हैं, जो बड़ी सहमति को दर्शाते हैं. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बातचीत के नतीजों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए बताया कि सीमा मुद्दे पर विशेष प्रतिनिधियों वांग और डोभाल ने 'सकारात्मक और रचनात्मक रुख' अपनाते हुए चीन-भारत सीमा मुद्दे पर 'सार्थक बातचीत' की और छह सूत्रीय 'सहमति' पर पहुंचे.

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चीनी प्रवक्ता ने कहा, 'दोनों पक्षों के बयानों में बहुत हद तक समानता और तत्व हैं.' बातचीत के बाद चीन ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच छह सूत्रीय सहमति बन गई है. लिन ने कहा कि दोनों देशों के मूल्यवान संसाधनों को विकास में लगाना, यह सुनिश्चित करना कि सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों में उचित रूप से रखा जाए, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना और जल्द से जल्द चीन-भारत संबंधों को स्वस्थ और स्थिर रास्ते पर लाने की कोशिश करना अहम है.

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