पूर्व कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को नीति आयोग का पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया है. राजीव गौबा को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने Y कैटेगरी की सुरक्षा भी दी है. झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी गौबा ने अगस्त 2019 से अगस्त 2024 में अपनी सेवानिवृत्ति तक कैबिनेट सचिव के रूप में कार्य किया.
गौबा का कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया था. उन्होंने COVID-19 के दौरान और आर्थिक सुधार रणनीतियों सहित प्रमुख नीतिगत निर्णयों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. नीति आयोग में उनकी नियुक्ति दीर्घकालिक राष्ट्रीय रणनीतियों को आकार देने की दिशा में एक अहम कदम है.
गौबा निभा चुके हैं अहम जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाला आयोग देश के आर्थिक नियोजन और नीति कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. गौबा को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 का प्रमुख वास्तुकार माना जाता है, जिसके तहत संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था.
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उन्होंने अन्य जिम्मेदारियों के अलावा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव, महत्वपूर्ण वामपंथी उग्रवाद प्रभाग की देखरेख भी की. पंजाब में जन्मे गौबा ने पटना यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन की थी. 2016 में केंद्र सरकार में सेवा में लौटने से पहले उन्होंने 15 महीने तक झारखंड में मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया था. गौबा ने मुख्य सचिव, झारखंड सरकार के रूप में भी कार्य किया है. साथ ही बोर्ड ऑफ आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड) में 4 सालों तक देश का प्रतिनिधित्व किया है.