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'मुसलमान दोषी हैं तो नंबर दो पर हिंदू भी' जनसंख्या नीति की RSS की डिमांड पर बोले एस वाई कुरैशी

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात भी की थी. उन्होंन आजतक से खास बातचीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के 'जनसंख्या का असंतुलन' वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है. होसबले ने कहा था, देश में जनसंख्या का असंतुलन चिंताजनक है. अब एसवाई कुरैशी ने भी जनसंख्या नियंत्रण नीति को अच्छा आईडिया बताया.

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संघ नेता दत्तात्रेय होसबले और पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी (फाइल फोटो)
संघ नेता दत्तात्रेय होसबले और पूर्व चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी (फाइल फोटो)

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले के 'जनसंख्या का असंतुलन' वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है. एसवाई कुरैशी ने कहा कि पहले तो संघ के लोग यह कहते थे कि जनसंख्या असंतुलन इसलिए है क्योंकि मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं, लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि पिछले डेढ़ से 2 महीनों में अब यह बातें सुनने को नहीं आ रही हैं लेकिन यह कह रहे हैं की जनसंख्या असंतुलन धर्मांतरण और घुसपैठ की वजह से हो रहा है. उन्होंने कहा कि 53% मुस्लिम फैमिली प्लानिंग नहीं करते, लेकिन 42% हिंदू भी फैमिली प्लानिंग नहीं करते. अगर मुसलमान दोषी है तो नंबर दो पर हिंदू भी दोषी है. लेकिन इसे पैट्रियोटिज्म जैसी नजरों से नहीं देखना चाहिए. 

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एसवाई कुरैशी ने हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात भी की थी. उन्होंने आजतक से खास बातचीत में कहा कि इनफील्ट्रेशन (घुसपैठ) जरूर हुआ है और सरकार को ये आंकड़े पता हैं. लेकिन इतने बड़े देश में अगर दो, चार या 10 लाख मुसलमान आ जाएंगे, तो संतुलन बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ेगा. उन्होंने कहा, हां ये हो सकता है कि सीमावर्ती जिलों में इसका असर थोड़ा सा पड़े लेकिन ओवरऑल हिंदुस्तान में इसका असर नहीं पड़ता. 

'घुसपैठ को रोके सरकार'

एसवाई कुरैशी ने कहा, आप (संघ) की सरकार है, आप घुसपैठ को रोकिए. बल्कि बांग्लादेशियों की घुसपैठ का सबसे ज्यादा नुकसान हिंदुस्तानी मुसलमानों को हुआ है. कई सालों से हम सुन रहे हैं हर मुसलमान को बांग्लादेश या पाकिस्तानी कह दिया जाता है. ऊपर से सबसे ज्यादती बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को हुई है. बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को बांग्लादेशी कह दिया जाता है लेकिन पूरे हिंदुस्तान के मुसलमानों को भी जगह-जगह बांग्लादेशी बोल दिया जाता है और हम सुनते चले आ रहे हैं, इसलिए पहले आप घुसपैठ को रोकिए.

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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि शिक्षा, आमदनी और सर्विस डिलीवरी बढ़ती है तो जनसंख्या घटती है. लेकिन शिक्षा, आमदनी और स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में मुसलमान सबसे पिछड़े हैं. कोशिश होनी चाहिए कि जनसंख्या नीति के साथ इन लोगों को जागरूकता और इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया हो. 

उन्होंने पूछा, ''क्या इन में जागरूकता फैलाने की बात की जाती है, क्या इनकी आमदनी बढ़ाने की बात की जाती है? नहीं की जाती. बल्कि यह की जाती है कि इनसे बिजनेस करना बंद कर दो और इनके नेता लोग भी इस तरह की बातें बेहूदा बातें करते हैं जो गैर जिम्मेदार एंटी नेशनल और गैर संवैधानिक बात है. अगर यह और गरीब हो जाएंगे तो और बच्चे पैदा करेंगे तो फिर आपको और शिकायत होगी.''

मोहन भागवत से जनसंख्या को लेकर हुई थी बात- कुरैशी

कुरैशी ने बताया, ''जब मोहन भागवत जी को मैंने अपनी एक किताब दी थी और कहा कि जनसंख्या के बारे में बहुत सारी बातें की जाती हैं, जो गलत है. इंप्रेशन दिया जाता है कि मुसलमान बहुत बच्चे पैदा करते हैं. मैंने उनको बताया कि भारत सरकार का डाटा नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 1991-92 में कहा क्या है फर्क सिर्फ एक बच्चे का है. जो घटकर अब 0.3 पर आ चुका है‌ क्योंकि मुसलमान बहुत तेजी से फैमिली प्लानिंग अडॉप्ट कर रहे हैं. हिंदुओं से ज्यादा तेजी से मुसलमान फैमिली प्लानिंग कर रहे हैं, जिसकी वजह से गैप कम हो रहा है. 

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उन्होंने कहा कि दूसरा उदाहरण दिया जाता है कि मुसलमान कई शादियां करते हैं और कई बीवियां रखते हैं जो की पूरी तरह से गलत है क्योंकि सबसे कम पॉलिगामी भारत सरकार के स्टडी के मुताबिक मुसलमानों में हैं. हिंदुस्तान में बड़े पैमाने पर पॉलिगामी संभव नहीं है क्योंकि जेंडर रेशियो लेटेस्ट जनगणना के मुताबिक हजार मर्दो के मुकाबले 940 औरतें हैं. 100 सालों में यह सबसे ज्यादा है. जब 60 मर्दों को एक बीवी नहीं मिल रही है तो किसी मुसलमान को या हिंदू को या किसी और समाज के लोगों को दूसरी या तीसरी बीवी कहां से मिल जाएगी. 

कुरैशी बोले- जनसंख्या नियंत्रण नीति अच्छा आईडिया 

पूर्व चुनाव आयुक्त ने कहा, जनसंख्या नियंत्रण नीति एक अच्छा आईडिया है. जो कि पूरे देश को करनी चाहिए. मुसलमानों के साथ हम सभी कमेटी से अपील करते हैं कि फैमिली प्लानिंग करें. हिंदुस्तान की आधी आबादी फैमिली प्लानिंग नहीं करती‌. देश में असंतुलन कहां हुआ है यह बताएं असंतुलन कहां हुआ है? यह सही बात है कि मुसलमानों का बर्थ रेट ज्यादा है लेकिन हिंदुओं के मुकाबले मुसलमानों के बर्थ रेट में सिर्फ 0.3% का फर्क रह गया है जो कि एक बच्चे का फर्क भी नहीं है. जनसंख्या नीति के तहत सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जो लोग फैमिली प्लानिंग करना चाहते हैं, उन तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचे. मुसलमान सबसे ज्यादा फैमिली प्लानिंग करने के इच्छुक हैं और वह करना चाहते हैं लेकिन उन तक सेवाएं नहीं पहुंच रही हैं. 

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क्या कहा था दत्तात्रेय होसबले ने?

दत्तात्रेय होसबले ने प्रयागराज में आयोजित संघ के कार्यक्रम में कहा था कि धर्मांतरण से देश में हिन्दुओं की संख्या कम हो रही है. उन्होंने कहा कि देश के कई हिस्सों में मतांतरण की साजिश चल रही है. कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ भी हो रही है. सरकार्यवाह ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन के कारण कई देशों में विभाजन की नौबत आई है. भारत का विभाजन भी जनसंख्या असंतुलन के कारण हो चुका है. दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि एक ऐसी जनसंख्या नीति बननी चाहिए जो सब पर बराबरी से लागू हो. उन्होंने कहा कि हम पहले भी ये मांग कर चुके हैं कि जो अपना धर्म बदलते हैं उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए.

 

 

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