पूर्व केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और चंडीगढ़ के पूर्व सांसद रहे हरमोहन धवन का मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. सामने आया है कि वह कई दिनों से बीमार थे और निजी अस्पताल में भर्ती थी. 83 साल की उम्र में शनिवार को उनका अस्पताल में ही निधन हो गया. वे चंडीगढ़ की राजनीति की दिग्गज शख्सियत में से रहे हैं और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में थे. उनके निधन से पंजाब आम आदमी पार्टी को बड़ी क्षति पहुंची है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल ने जताया शोक
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेसी नेता पवन कुमार बंसल ने हरमोहन धवन के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने X पर लिखा कि, 'हरमोहन धवन के निधन की खबर सुनकर गहरा दुख हुआ. एक बेहद लोकप्रिय नेता, समाज के सभी वर्गों द्वारा उनकी गहरी प्रशंसा और सम्मान किया जाता था. उनकी आसान पहुंच और मिलनसार स्वभाव ने उन्हें हर जगह दोस्त बना दिया. यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है और मैं एक महत्वपूर्ण चुनाव में उनके महत्वपूर्ण समर्थन को हमेशा कृतज्ञतापूर्वक याद करता हूं. श्रीमती धवन और शोक संतप्त परिवार के सभी सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. ईश्वर दिवंगत महान आत्मा को शाश्वत शांति प्रदान करें.'.
1977 में ली राजनीति में एंट्री
हरमोहन धवन चंडीगढ़ से सांसद रहे. उनका जन्म 14 जुलाई 1940 को फतेहजंग, जिला कैम्बलपुर (अब पश्चिमी पाकिस्तान में) में हुआ था. 1947 में भारत के विभाजन के बाद , उनका परिवार अंबाला छावनी में स्थानांतरित हो गया, जहां उन्होंने बीडी हाई स्कूल से मैट्रिक और एसडी कॉलेज से इंटरमीडिएट किया. 1977 में उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और उस समय प्रधानमंत्री रहे चन्द्रशेखर ने राजनीति में उनकी जमीन तैयार की.
चंद्रशेखर सरकार में बने नागरिक उड्डयन मंत्री
वह 1981 में जनता पार्टी के अध्यक्ष बने और 10 से अधिक बार जेल गए. 1989 में वो चंडीगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुने गए और चंद्रशेखर सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री भी बने.