लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने पर राहुल गांधी को कांग्रेस के पूर्व नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद का समर्थन मिला है. आजाद ने इसे गलत बताते हुए कहा कि यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "पहले लालू प्रसाद यादव अयोग्य थे और अब राहुल गांधी. इस तरह पूरी संसद और विधानसभाएं खाली हो जाएंगी." आजाद ने कहा कि मैं इसके खिलाफ हूं. चाहे वह राहुल गांधी हों या लालू प्रसाद यादव या कोई अन्य सांसद-विधायक. यह नैचुरल जस्टिस के खिलाफ है कि एक तरफ एक जज ने फैसला सुनाया और दूसरी तरफ सांसद या विधायक को अयोग्य घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा, "राजनीतिक नेताओं के लिए एक अलग पैमाना होना चाहिए."
गुलाम नबी ने कहा, "पहले नियम यह था कि जब तक आखिरी अदालत सजा नहीं सुनाती तब तक सांसद या विधायक को अयोग्य नहीं ठहराया जाता था. यहां तो आखिरी कोर्ट तक पहुंचने के लिए और भी 20 कदम हैं. यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है."
सूरत कोर्ट ने राहुल को सुनाई सजा
राहुल गांधी को बीते गुरुवार को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद उन्हें अगले ही दिन लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया. राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी में कहा था, "सभी चोरों का मोदी उपनाम क्यों है?"
रविवार को देशभर में कांग्रेस ने किया समर्थन
इस मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन किया. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार पर जनता की आवाज उठाने के लिए 'शहीद प्रधानमंत्री के बेटे' को चुप करने की कोशिश करने का आरोप लगाया.
प्रियंका बोलीं- संसद में पिता का अपमान हुआ
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि उनके पिता का संसद में अपमान किया गया और उनके भाई को मीर जाफर जैसे नाम दिए गए. उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्रियों ने भी सोनिया गांधी का अपमान किया है, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.