केरल विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे से खफा होकर कांग्रेस छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने नए सियासी सफर की शुरुआत कर दी है. पीसी चाको राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में शामिल हो गए हैं. चाको ने मंगलवार की शाम एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. एनसीपी में शामिल होने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए चाको ने शरद पवार की मौजूदगी में कांग्रेस नेतृत्व की जमकर आलोचना की.
पीसी चाको ने कहा कि आज जरूरत है कि हम भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों. हमें बीजेपी के खिलाफ एक फ्रंट की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस में पवार साहब के साथ काम कर चुका हूं. दुर्भाग्य से आज मुझे कांग्रेस में उस तरह का नेतृत्व नजर नहीं आता. चाको ने यह भी साफ कर दिया कि एनसीपी सदस्य के तौर पर वे एलडीएफ के पक्ष में काम करेंगे.
इससे पहले पीसी चाको ने दिन में भी एनसीपी के संस्थापक शरद पवार से मुलाकात की थी. पवार से मुलाकात के बाद चाको ने कहा था कि वे भले ही अब एनसीपी के हैं, लेकिन वो कांग्रेस के भी सबसे वरिष्ठ नेता हैं. कांग्रेस अब बहुत संकट में है, ऐसे में मेरा अब उस पार्टी के साथ कोई लेना-देना नहीं है. कांग्रेस के अंदर अब लोकतंत्र नहीं बचा है. चाको की पवार से हुई मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि वे एनसीपी में शामिल हो सकते हैं. गौर करने वाली बात ये भी है कि महाराष्ट्र में एनसीपी कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही है और अब कांग्रेस छोड़ने वाले नेता उसी एनसीपी में जा रहे हैं.
पीसी चाको के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा से भी मुलाकात करने की भी चर्चा थी. बता दें कि गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा उस जी-23 ग्रुप का हिस्सा हैं, जिन्होंने कांग्रेस में बागी सुर छेड़े हुए हैं. दरअसल, 10 मार्च को पीसी चाको ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना त्यागपत्र सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा था. पीसी चाको ने इस्तीफे में लिखा था कि मौजूदा परिस्थितियों में केरल कांग्रेस की टीम के साथ काम करना मुश्किल है.
पीसी चाको के मुताबिक, केरल में कांग्रेस दो धड़ों मे काम कर रही है, टिकट वितरण में भी सही तरीके से फैसले नहीं लिए गए थे. यही कारण रहा कि उन्होंने पार्टी को छोड़ने का कदम उठाया है. गौरतलब है कि केरल में कांग्रेस को लगातार कई झटके लगे हैं. पीसी चाको के अलावा विजयन थॉमस ने भी पार्टी छोड़ दी थी. साथ ही बीते दिनों ही वायनाड जिले के कई कांग्रेस नेताओं ने इस्तीफा सौंप दिया था.