कोरोना संक्रमण के बाद अब H3N2 इन्फुएंजा के मामलों में जबर्दस्त उछाल देखने को मिल रहा है. इसे लेकर एम्स के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि H3N2 भी कोविड की तरह फैल रही है, इससे बचाव की जरूरत है. खासकर बुजुर्गों को सावधान रहने की जरूरत है.
डॉ. रणदीप गुलेरिया कहा कि यह वायरस बूंदों के माध्यम से फैलता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम H3N2 इन्फ्लूएंजा के मामलों में बढ़ोतरी देख रहे हैं. इसके लक्षण बुखार, गले में खराश, शरीर में दर्द और नाक से पानी बहते रहना है. यह एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा वायरस है. उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा वायरस के केस इन दिनों हर साल देखने को मिलते हैं. यह ऐसा वायरस है, जो समय के साथ उत्परिवर्तित होता है, जिसे हम एक एंटीजेनिक बहाव कहते हैं.
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह बूंदों के माध्यम से फैलता है. हालांकि, मुझे लगता है कि बहुत ज्यादा चिंता का कारण इतना नहीं है क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि बहुत ज्यादा नहीं है. डॉ. गुलेरिया ने कहा कि यह वायरस हर साल थोड़ा बदलता है.
डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि हम यह भी देखते हैं कि जब मौसम बदलता है, तो इन्फ्लूएंजा होने की अधिक संभावना होती है. उन्होंने कहा कि अब लोग मास्क नहीं पहन रहे हैं. बाजारों में भीड़ उमड़ रही है, लेकिन लापरवाही जारी है. इस वजह से इन्फ्लुएंजा का वायरस तेजी से फैल रहा है. अगर हमें वास्तव में अपने आप को इन्फ्लूएंजा से रोकना है, तो हमें भीड़ -भाड़ वाले स्थानों पर सतर्क रहना होगा.
डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यह कोविड की तर्ज पर तेजी से फैलने वाला वायरस है. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों को इससे सावधान रहने की जरूरत है. साथ ही कहा कि अक्सर हाथों को धोते रहें. शारीरिक दूरी का भी पालन करें. उन्होंने कहा कि अगर हम एक अधिक अतिसंवेदनशील आबादी हैं, तो इन्फ्लूएंजा के लिए भी वैक्सीन उपलब्ध है.
एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कई साल पहले H1N1 एक महामारी थी. वह वायरस अब H3N2 में तब्दील हो गया है. यह एक सामान्य इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन है. लेकिन हम अधिक मामलों को देख रहे हैं, क्योंकि वायरस म्यूटेट हुआ है. उन्होंने कहा कि पहले इस वायरस को लेकर जो इम्यूनिटी थी, वह काफी बेहतर थी, बाद में इसमें गिरावट हो गई. इसलिए जो लोग अतिसंवेदनशील होते हैं, वे इस संक्रमण का सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं.
क्या कहते हैं ICMR और IMA?
आईसीएमआर के एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीते दो-तीन महीनों से इन्फ्लूएंजा वायरस के A सबटाइप H3N2 के कारण बुखार और सर्दी-खांसी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि H3N2 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा कि अभी मौसमी बुखार फैल रहा है जो पांच से सात दिन तक रहता है. आईएमए ने बुखार या सर्दी-जुकाम होने पर एंटीबायोटिक लेने से बचने की सलाह दी है.
किन लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा?
इन्फ्लूएंजा किसी भी उम्र के व्यक्ति को कभी भी हो सकता है. लेकिन इससे सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं, 5 साल से कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग और किसी बीमारी से जूझ रहे व्यक्ति को है. इनके अलावा हेल्थकेयर वर्कर्स को भी इन्फ्लूएंजा से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है.
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