देश के वित्त मंत्री रह चुके और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आम बजट 2022 की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले 25 वर्षों के लिए योजनाओं का खाका तैयार किया है. सरकार को क्या लगता है कि मौजूदा समय में किसी पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है और जनता को 'अमृत काल' के उदय होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने के लिए कह दिया जाए. यह भारत के लोगों, खासकर गरीबों और वंचितों का मजाक उड़ाने के अलावा और कुछ नहीं है.
राज्यसभा सांसद ने आगे कहा, आज का बजट भाषण किसी वित्त मंत्री द्वारा पढ़ा गया अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण था. 'गरीब' शब्द बजट भाषण के पैरा-6 में केवल दो बार आता है. हम वित्त मंत्री को धन्यवाद देते हैं कि कम से कम उन्होंने यह याद रखा कि इस देश में गरीब लोग भी हैं. चिदंबरम ने कहा कि लोग इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देंगे.
पी चिदंबरम ने वर्चुअल डिजिटल असेंट्स पर टैक्स को लेकर कहा कि यह जाहिर तौर पर देश के बहुत अमीर लोगों के इशारे पर बनाया गया बजट है. आरबीआई के बजाय, वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि क्रिप्टो करेंसी आज से कानूनी है. अब यह सब भारत के 99.99% लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बजट भाषण में गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को किसी भी सहायता राशि के बारे में एक शब्द भी नहीं था, जो पिछले दो वर्षों के दौरान अत्यधिक गरीबी में धकेल दिए गए हैं. वहीं, कोरोना काल में अपनी नौकरी खोने वाले लोगों के लिए भी रोजगार सृजित करने के बारे में कोई घोषणा नहीं थी. चिदंबरम ने अपने बयान में कहा कि बंद हो चुके एमएसएमई को पुनर्जीवित करने और कुपोषण को लेकर भी वित्त मंत्री ने कोई खाका पेश नहीं किया.
दरअसल, केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना चौथा बजट पेश किया है. बजट में अलग-अलग सेक्टरों के लिए कई घोषणाएं की गईं. बजट में टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिससे मिडिल क्लास जरूर मायूस देखी जा रही है. सीतारमण ने कहा कि इस बजट से अगले 25 सालों की बुनियाद रखी जाएगी. इस बजट में 16 लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है. विशेषज्ञ इसे कल का बजट करार दे रहे हैं.