जम्मू कश्मीर के पूर्व गवर्नर जगमोहन का सोमवार को निधन हो गया. वह 94 साल के थे. उन्होंने दिल्ली में अपनी आखिरी सांस ली. जगमोहन जम्मू कश्मीर के गवर्नर रहने के अलावा केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. उनका पूरा नाम जगमोहन मल्होत्रा था.
वे दिल्ली और गोवा के उपराज्यपाल भी रहे थे. जगमोहन लोकसभा में भी निर्वाचित हुए थे. उन्होंने नगरीय विकास तथा पर्यटन मंत्री के पद का भी कार्यभार संभाला था. जगमोहन ने दो बार जम्मू कश्मीर के गवर्नर का पद संभाला था. वह 1984 से 1989 तक और फिर 1990 में जनवरी से मई तक इस पद पर रहे थे. कभी कड़क नौकरशाह के तौर पर राजधानी दिल्ली में पहचान बनाने वाले जगमोहन मल्होत्रा बाद में राजनीति में उतरे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह मंत्री भी बने थे.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद बीजेपी ने जब संपर्क अभियान शुरू किया था तो उस समय अमित शाह और मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल जगमोहन मल्होत्रा से मिलने चाणक्यपुरी स्थित उनके घर पहुंचे थे. अमित शाह ने संपर्क अभियान की शुरुआत जगमोहन के साथ मुलाकात के साथ शुरू की थी.जगमोहन को पहले कांग्रेस सरकार ने 1984 में राज्यपाल बनाकर भेजा. पहली पारी के दौरान वह जून 1989 तक राज्यपाल रहे. फिर वीपी सिंह सरकार ने उन्हें दोबारा जनवरी 1990 में राज्यपाल के रूप में भेजा. वह इस पद पर मई 1990 तक रहे.
राज्यपाल रहते हुए जगमोहन ने घाटी में कई सख्त फैसले किए. आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन की भी रणनीति बनाई. कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार भी रोकने की कोशिश की. हालांकि स्थानीय नेताओं का उन्हें खासा विरोध भी झेलना पड़ा. 2004 में अरुण शौरी ने कहा था," यह जगमोहन ही रहे, जिन्होंने भारत के लिए घाटी को बचाया. उन्होंने धीरे-धीरे राज्य के अधिकार को फिर से स्थापित किया और आतंकवादियों को भगाया."