पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक (डीजी और आईजीपी) नियुक्त किया. वह मनोज मालवीय का स्थान लेंगे. उन्होंने एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि कुमार, वर्तमान में सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव हैं, वे तुरंत कार्यभार संभालेंगे. पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने पहले राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त डीजीपी के रूप में कार्य किया था.
सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुमार पर विशेष जांच दल (एसआईटी) की अगुवाई करते हुए शारदा घोटाले की जांच के दौरान सबूतों को दबाने और छुपाने का आरोप लगाया था. घोटाले की छानबीन करने के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी.
शारदा घोटाला 2013 में सामने आया था और शारदा चिट फंड में निवेश करने वाले कई लाख लोग आर्थिक रूप से तबाह हो गए थे. कुमार तब बिधाननगर के पुलिस आयुक्त थे.
'राजीव ने ममता के खिलाफ सबूत नष्ट कर दिए': बीजेपी
राजीव कुमार को राज्य पुलिस बल के प्रमुख के रूप में शामिल किए जाने के बारे में बोलते हुए, पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने कहा, "ममता के सेवक को पुलिस महानिदेशक बनाया गया है."
उन्होंने कहा, राजीव कुमार ने शारदा चिट फंड के मालिक सुदीप्तो सेन के सभी उपकरणों को नष्ट कर दिया था. अगर सीबीआई को सेन के कार्यालय से वे इलेक्ट्रॉनिक फाइलें मिल जातीं, तो ममता बनर्जी सुदीप्तो सेन के साथ जेल में होतीं. ममता बनर्जी शारदा चिट फंड की सबसे बड़ी लाभार्थी थीं. यह हर कोई जानता है. उनसे अपने मुख्यमंत्री राहत कोष खाते में धनराशि लेने से लेकर, शारदा की एम्बुलेंस को हरी झंडी दिखाने तक.
अधिकारी ने कहा, ममता बनर्जी शारदा मामले में राजीव कुमार के कारण जेल से बाहर हैं और यही कारण है कि जब सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करने गई तो वह उनके लिए धरने पर बैठीं. यह रिटर्न गिफ्ट है. राजीव कुमार ने उन्हें बचाया था.
भाजपा नेता ने कहा, अपनी गिरफ्तारी को रोकने के लिए, राजीव कुमार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख किया और जमानत ले ली. सीबीआई ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. यह दो साल से लंबित है. मैं सीबीआई और भारत के सॉलिसिटर जनरल से अनुरोध करता हूं कि वे इस पर तत्काल सुनवाई करें. जैसे ही सुप्रीम कोर्ट फिर से खुलेगा.