पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में फिलहाल राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने पार्थ चटर्जी की जमानत के मामले में अब CBI और ED से केस की टाइमलाइन समेत डिटेल देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट दो दिसंबर को मामले पर अगली सुनवाई करेगा. तभी जमानत पर अपना आदेश जारी करेगा. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष पार्थ चटर्जी के वकील मुकुल रोहतगी ने इस ट्रायल में देरी और तय सजा का एक तिहाई समय जेल में बिताए जाने के साथ-साथ स्वास्थ्य समेत कई आधार पर जमानत पर रिहा किए जाने की गुहार लगाई.
उन्होंने कहा कि मामले मे अन्य आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जा चुका है. इस मामले में एक महिला जिसके घर से पैसा बरामद किया गया था और जिसने याचिकाकर्ता का नाम दिया था उसे दो दिन पहले जमानत पर रिहा किया गया है. यहां तक कि याची के पास से कोई वसूली भी नहीं हुई थी. ऐसे में उसे भी जमानत पर रिहा किए जाने का आदेश दिया जाना चाहिए.
वहीं ED ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि उनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए. जिसके पास से पैसा रिकवर हुआ है उसके साथ इनके बेहद करीबी रिश्ते रहे हैं. हमारे पास इसके पर्याप्त सबूत हैं. ED की ओर से एस वी राजू ने कहा कि अर्पिता बनर्जी का कहना है कि बरामद हुई रकम उनकी है. इस मामले मे CBI ने 4 मुकदमे दर्ज किए हैं. चार अलग- अलग परीक्षाओं को लेकर चार अलग-अलग FIR दर्ज हुई हैं. उन्होंने कहा कि यह इतना बड़ा भ्रष्टाचार है जो 50 हजार वास्तविक व्यक्तियों को प्रभावित करता है. सभी नौकरियों का इंतजार कर रहे थे.
जस्टिस सूर्यकांत ने ED से कहा कि अगर हम अगर जमानत पर रिहा करने का आदेश नहीं देते हैं तो क्या होगा? अभी तक 183 गवाहों की गवाही शुरू नहीं हुई है. ट्रायल में समय लगेगा. वहीं जस्टिस भुइयां ने ED के मामलो में आरोप सिद्ध होने के पर्सेंटेज पर सवाल उठाते हुए कहा आपका ( ED) दोष सिद्ध करने का औसत बहुत कम है. ED ने कहा कि नहीं मामला Case on Case निर्भर करता है. पश्चिम बंगाल के स्कूलों में नौकरी देने के लिए पैसे लेने के घोटाले से जुड़ेमनी लॉन्ड्रिंग मामले मे जमानत की मांग करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के जमानत न देने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.