ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल (Hemananda Biswal) का शुक्रवार को इलाज के दौरान राजधानी भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 83 वर्ष के थे. दिवंगत बिस्वाल अपने पीछे पांच बेटियां छोड़ गए हैं. कांग्रेसी नेता बिस्वाल दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रह चुके थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओडिशा के बड़े नेता के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.
पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ''ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल जी के निधन से व्यथित हूं. वे कई वर्षों तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे और लोगों के बीच खूब काम किया. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.''
Anguished by the passing away of former Odisha CM Shri Hemananda Biswal Ji. He was active in public life for many years and worked extensively among people. In this sad hour, my thoughts are with his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 25, 2022
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री हेमानंद बिस्वाल के निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें पार्टी का कद्दावर नेता बताया. गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''हेमानंद बिस्वाल जी के परिवार और करीबियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. वह कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता थे और उन्हें एक महान आदिवासी नेता के रूप में याद किया जाएगा.''
My heartfelt condolences to the family and friends of Shri Hemananda Biswal ji.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 25, 2022
He was a stalwart of the Congress Party and would be remembered as a great tribal leader. pic.twitter.com/wNFJ1mDArj
उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रदेश ने कहा, ''ओडिशा ने एक सक्षम, दुर्लभ और अनुभवी राजनेता खो दिया. मैं ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता हेमानंद बिश्वाल के निधन के बारे में सुनकर दुखी और दुखी हूं. आज ओडिशा ने एक सक्षम, दुर्लभ और अनुभवी राजनेता खो दिया.''
1 दिसंबर 1939 को झारसुगुडा के ठाकुरपाड़ा गांव में जन्मे बिस्वाल ने कुशल और सक्षम राजनीतिक नेता की छवि अर्जित की थी. उन्हें 1998 और 99 के बीच ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. बिस्वाल ने लोकसभा में सुंदरगढ़ संसदीय क्षेत्र का भी प्रतिनिधित्व किया और दो बार ओडिशा के मुख्यमंत्री होने के अलावा झारसुगुडा जिले से छह बार विधायक रहे. मुख्यमंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल 7 दिसंबर 1989 से 5 मार्च 1990 तक और दूसरा 6 दिसंबर 1999 से 5 मार्च 2000 तक था. वह ओडिशा के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री थे.
बिस्वाल 1974 में पहली बार विधानसभा के लिए चुने गए और 1977 तक बने रहे. वह 1980 में फिर से विधायक बने और 2004 तक लाइकेरा विधानसभा क्षेत्र से इस पद पर रहे.