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पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ी, क्या वापस जाएंगे नीतीश के पास?

राज्यसभा के पूर्व सदस्य पवन वर्मा ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना त्यागपत्र सौंपा. साथ ही ट्विटर पर भी इसका ऐलान कर दिया.

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पवन वर्मा (फाइल फोटो)
पवन वर्मा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CAA पर अलग हुए थे नीतीश से
  • नवंबर 2021 में ज्वॉइन की थी TMC

राजनीति में कौन-सी बिसात कहां क्या बदल दे कुछ कहा नहीं जा सकता है. इधर नीतीश कुमार ने एनडीए का दामन छोड़ा, तो उधर कभी नीतीश कुमार को छोड़ ममता बनर्जी के साथ जाने वाले पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है.

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पवन वर्मा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. साथ ही इस बारे में अपने ट्विटर हैंडल से जानकारी भी दी है.

पवन वर्मा ने लिखा है- ममता जी, तृणमूल कांग्रेस से मेरा इस्तीफा स्वीकार कीजिए. मैं आपके गर्मजोशी से पार्टी में स्वागत करने का धन्यवाद करता हूं. आगे आपके साथ संपर्क में बना रहूंगा. आपको भविष्य के लिए बहुत बधाई.

कभी नीतीश के सलाहकार होते थे वर्मा

तृणमूल कांग्रेस में आने से पहले पवन वर्मा जनता दल यूनाइटेड के कद्दावर नेता होते थे. नौकरशाह से राजनेता बने पवन वर्मा कभी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार होते थे. राज्य सरकार ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं.

CAA पर अलग हुए थे नीतीश से

पवन वर्मा ने नवंबर 2021 में जदयू का साथ छोड़कर तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था. जदयू के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का समर्थन करने के फैसले को लेकर वो काफी मुखर रहे थे और इसकी परिणिति के रूप में उन्होंने जदयू से अलग राह चुन ली थी.

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विदेश मंत्रालय में काम करते हुए पवन वर्मा कई देशों में राजदूत की भूमिका अदा की. उन्हें भूटान का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार Druk Thuksey भी मिला है. 

पवन वर्मा के तृणमूल कांग्रेस से अलग होने की टाइमिंग को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है, कि जदयू के बीजेपी से अलग होने के बाद कहीं वह फिर से पार्टी में ना लौट आएं.


 

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