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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों इस अहम एजेंडे के साथ अगले साल आएंगे भारत

विश्व पटल पर तेजी से हो रहे घटनाक्रमों के बीच फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों अगले साल की शुरुआत में भारत आने वाले हैं. उनका यह दौरा रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरान महाराष्ट्र के जैतापुर में 1,650 मेगावाट के परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित करने पर चर्चा होगी.

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फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) अगले साल की शुरुआत में भारत का दौरा करेंगे. वह अपने इस दौरे के दौरान महाराष्ट्र के जैतापुर में 1,650 मेगावाट के परमाणु बिजली संयंत्रों के निर्माण पर जोर देंगे. इस परमाणु संयंत्र के निर्माण के लिए 2010 में दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था.

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इन दिनों फ्रांस कैबिनेट का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर है. इस दौरान फ्रांस की विकास मामलों की मंत्री Chrysoula Zacharopoulou ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ बैठक की. उन्होंने इस बैठक में यह जानकारी दी कि मैक्रों 2023 की शुरुआत में भारत का दौरा करेंगे. 

उन्होंने बताया कि इस दौरान मैक्रों का जैतापुर परियोजना से संबंधित तकनीकी, वित्तीय और असैन्य परमाणु दायित्वों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने पर जोर होगा.

देश का होगा सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र

भारत ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी के जैतापुर में 1,650 मेगावाट के छह परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण का ऐलान किया था. इसे देश का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र बताया जा रहा है, जिसकी कुल क्षमता 9,900 मेगावाट होगी.

फ्रांसीसी कंपनी ईडीएफ (EDF) ने पिछले साल न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) को जैतापुर में छह यूरोपीय दबावयुक्त संयंत्र (ईपीआर) बनाने के लिए अपनी बाध्यकारी तकनीकी-वाणिज्यिक प्रस्ताव पेश की थी. इस साल मई में, ईडीएफ की एक उच्च स्तरीय टीम ने भारत का दौरा किया था और एनपीसीआईएल के अधिकारियों के साथ विस्तृत बातचीत की थी.

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इस फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल में भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनेन और न्यूक्लियर काउंसिलर थॉमस मिउसेट सहित कई अन्य अधिकारी शामिल थे.

इस साल मई में फ्रांस की कंपनी ईडीएफ की उच्चस्तरीय टीम ने भारत का दौरा किया था और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआईएल) के सात विस्तृत चर्चा की थी. ईडीएफ इन परमाणु ऊर्जा संंयंत्रों के निर्माण से जुड़ी है.

इस बैठक के दौरान जितेंद्र सिंह और Chrysoula Zacharopoulou ने जैतापुर प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द सफल बनाने को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई. इसके साथ ही दोनों के बीच किफायती और लॉ कार्बन एनर्जी पर भी बातचीत हुई और दोनों देशों के बीच लंबित मामलों पर जल्द से जल्द सुनवाई पर सहमति जताई.

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