मणिपुर के थौबल जिले में बुधवार देर रात हिंसा भड़क गई. भीड़ के हमले में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के तीन जवान गोली लगने से घायल हो गए. थौबल पुलिस कंट्रोल रूम के प्रेस नोट के अनुसार, हिंसक भीड़ ने जिले के खंगाबोक में तीसरी भारतीय रिजर्व बटालियन (3IRB) को निशाना बनाया. सुरक्षा बलों को भीड़ को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा.
प्रेस नोट में कहा गया है कि हिंसक भीड़ ने थौबल पुलिस मुख्यालय में घुसने का प्रयास किया, जिसके बाद सुरक्षा बलों को बल प्रयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा. भीड़ के बीच छिपे हथियारबंद उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर फायरिंग की, जिसमें बीएसएफ के तीन जवान गोली लगने से घायल हो गए. घायलों की पहचान कांस्टेबल गौरव कुमार, एएसआई सोबराम सिंह और एएसआई रामजी के रूप में हुई है. घायल सुरक्षा बलों को इलाज के लिए इंफाल के राज मेडिसिटी ले जाया गया है.
कल उग्रवादियों के हमले में शहीद हुए थे दो जवान
इससे पहले 17 जनवरी की सुबह सशस्त्र उग्रवादियों ने मोरेह और टेंग्नौपाल जिले में ग्रेनेड और अन्य विस्फोटकों का उपयोग करके राज्य सुरक्षा बलों पर हिंसक हमला किया. इस घटना में, 6वीं मणिपुर राइफल्स के जवान वांगखेम सोमोरजीत मीतेई ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए. मणिपुर 10वीं आईआरबी के एक और पुलिस कर्मी तखेल्लमबम सिलेशवर सिंह मोरेह में सशस्त्र उग्रवादियों के हमले में भी शहीद हो गए.
इस हमले में 6 अन्य पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं. घायल जवानों की पहचान मोहम्मद कमल हसन, सोंगसुआथुई ऐमोल, मोहम्मद अब्दुल हासिम, नगासेपम विम, सिदार्थ थोकचोम और केके प्रेमानंद के रूप में हुई है. इस हमले में 6 अन्य पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं. घायल जवानों की पहचान मोहम्मद कमल हसन, सोंगसुआथुई ऐमोल, मोहम्मद अब्दुल हासिम, नगासेपम विम, सिदार्थ थोकचोम और केके प्रेमानंद के रूप में हुई है.
मणिपुर में पिछले साल 3 मई को भड़की थी हिंसा
राज्य पुलिस ने आगे बताया कि उसके जवान मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ लॉ एंड ऑर्डर भंग करने वाले तत्वों से सख्ती से निपट रहे हैं. मणिपुर में पिछले साल 3 मई को घाटी-बहुसंख्यक मैतेई और पहाड़ी-बहुसंख्यक कुकी के बीच जातीय झड़पें हुई थीं, जिसेके बाद से राज्य में हिंसा का दौर जारी है. मणिपुर में जातीय हिंसा में अब तक 180 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि हजारों लोग विस्थापित हुए हैं.