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G20 Summit: योग और प्राणायाम से होगी जी20 के सत्रों की शुरुआत, भारत ने की ये खास तैयारी

भारत को जी20 की आधिकारिक रूप से अध्यक्षता मिल चुकी है. इस इवेंट को एतिहासिक बनाने के लिए मोदी सरकार ने जोर-शोर से तैयारी कर शुरू कर दी है. देशभर में 50 से ज्यादा जगहों पर 200 से ज्यादा बैठकों की मेजबानी की जाएगी. इस समिट में भारत के योग और आयुष चिकित्सा पद्धति को प्रभावशाली ढंग से पेश करने की भी तैयारी है.

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 अगले साल अगस्त में G20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन होगा (सांकेतिक फोटो)
अगले साल अगस्त में G20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन होगा (सांकेतिक फोटो)

G20 की कमान संभालने के बाद भारत इस सम्मेलन में दुनिया के उभरते और शक्तिशाली देशों के सामने अपने प्राचीन और प्रभावशाली ज्ञान का प्रदर्शन भी करेगा. केंद्र सरकार ने यह भी तय किया है कि भारत में जब-जब इस समूह की बैठक होगी, भारत अपने प्राचीनतम ज्ञान योग और आयुष चिकित्सा पद्धति को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करेगा.

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आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि भारत की पारंपरिक प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद योग और आयुष को विश्व स्तर पर दुनिया ने पहचाना है. कुछ महीन पहले ही गुजरात के जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना की है. जी20 के जरिए भारत के पारंपरिक चिकित्सा विज्ञान की जानकारी और विरासत दुनिया भर के देशों तक पहुंचेगी. इसके साथ ही इंडियन मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा.

इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर आयुष मंत्रालय कई नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है. जब जी20 देशों की बैठक होगी तो कई साइड इवेंट्स भी होंगे. इनमें इन सदस्य देशों के विशेषज्ञ विजिटर्स और प्रतिनिधिमंडल भी आएंगे. उन्हें केरल के प्रमुख आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों का दौरा करवाया जाएगा. इसके अलावा जहां-जहां सम्मेलन होंगे, वहां आसपास के ऐसे मशहूर केंद्रों का दौरा कराया जाएगा.

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वैद्य राजेश कोटेचा के मुताबिक आयुष पद्धति के जरिए भारतीय ज्ञान ने साबित किया है कि पुरानी से पुरानी गंभीर से गंभीर और हाल ही में सामने आ रही नई बीमारियों का इलाज भी प्रभावशाली ढंग से किया जा सकता है. आयुर्वेद के क्षेत्र में भारत में हो रही क्लीनिकल रिसर्च की रिपोर्ट भी हम दुनिया के सामने रखेंगे.

G20 प्लेटफार्म पर भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का एक ग्लोबल शो केस होगा. अगले साल अगस्त में G20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों का सम्मेलन होगा. उसी समय यह ग्लोबल इवेंट भी होगा. इसके अलावा डब्ल्यूएचओ के सभी क्षेत्रीय केंद्रों पर होने वाली कॉन्फ्रेंस में जो भी तय किया जाएगा, उस पर 2023 के अगस्त में होने वाले मुख्य कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी.

वैद्य राजेश कोटेचा के मुताबिक जी20 देशों के सम्मेलन में और इससे जुड़े सभी इवेंट्स में ब्रेक के दौरान योग अभ्यास सत्र आयोजित किए जाएंगे. कुछ सत्रों की शुरुआत भी योगासनों और स्वास्थ्य प्राणायाम के साथ किए जाने की योजना है. इसके अलावा मेहमाननवाजी और खानपान में भी भारत की प्राकृतिक और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति की झलक मिलेगी.

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