संस्कृति मंत्रालय ने सोमवार को गांधी शांति पुरस्कारों का ऐलान कर दिया. वर्ष 2020 के लिए गांधी शांति पुरस्कार बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को प्रदान किया जाएगा, जबकि वर्ष 2019 का पुरस्कार ओमान के दिवंगत सुल्तान काबूस बिन अल सैद को दिया जाएगा.
भारत सरकार ने 1995 में गांधी शांति पुरस्कार की शुरुआत की थी. गांधी शांति पुरस्कार की 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में भारत सरकार ने स्थापित किया था. यह पुरस्कार राष्ट्रीयता, नस्ल, भाषा, जाति, पंथ या लिंग से परे सभी व्यक्तियों के लिए है.
गांधी शांति पुरस्कार से संबंधित जूरी की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं. मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता इसके दो पदेन सदस्य होते हैं. दो अन्य प्रतिष्ठित सदस्य लोकसभा अध्यक्ष और सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस ऑर्गनाइजेशन के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक भी इस जूरी का हिस्सा हैं.
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, हमारे उपमहाद्वीप के महानतम नेताओं में से एक बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान गांधी शांति पुरस्कार 2020 दिया गया है. 2020 बंगबंधु की जन्म शताब्दी वर्ष है. वह अपने लाखों प्रशंसकों के लिए अदम्य साहस और अथक संघर्ष का प्रतीक हैं.
Gandhi Peace Prize 2020 has been conferred on Bangabandhu Sheikh Mujibur Rahman, one of the greatest leaders of our subcontinent. Year 2020 marked the birth centenary of Bangabandhu. He remains an icon of indomitable courage and tireless struggle for his millions of admirers.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2021
His Majesty Sultan Qaboos bin Said was a strong advocate of India-Oman friendship, and took special care of the welfare of the Indian community in Oman. I cherished my interactions with His Majesty, and benefited from his wise insights on many subjects. https://t.co/tcPcJwzbHI pic.twitter.com/dK1vnjrENn
— Narendra Modi (@narendramodi) March 22, 2021
बता दें कि इस जूरी की 19 मार्च 2021 को बैठक हुई थी जिसमें शेख मुजीबुर रहमान और सुल्तान काबूस बिन अल सैद को पुरस्कारों के लिए चुने जाने का फैसला लिया गया था. सुल्तान काबूस बिन अल सैद के उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2019 का गांधी शांति पुरस्कार प्रदान करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया. इस मीटिंग में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को 2020 के गांधी शांति पुरस्कार के लिए चुनने का फैसला किया गया था.
...इन्हें भी मिल चुका है ये पुरस्कार
यह पुरस्कार पाने वालों में तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जूलियस न्येरे, जर्मनी के डॉ. गेरहार्ड फिशर, रामकृष्ण मिशन, बाबा आम्टे, दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, बंग्लादेश ग्रामीण बैंक, दक्षिण अफ्रीका के आर्कबिशप डेसमंड टूटू, चंडी प्रसाद भट्ट और इसरो के नाम शामिल हैं. इस पुरस्कार से 2015 में विवेकानंद केंद्र, साल 2016 में संयुक्त रूप से अक्षय पात्र फाउंडेशन, भारत और सुलभ इंटरनेशनल, 2017 में एकल अभियान ट्रस्ट और साल 2018 में जापान के योही ससाकावा को सम्मानित किया गया था.