दिल्ली पुलिस ने एक गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें चार ठगों को गिरफ्तार किया गया है. इनपर 1800 पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाण पत्र देने के बहाने ठगने का आरोप है. अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि आरोपियों की पहचान अमित खोसा, कानव कपूर, बिनॉय सरकार और शंकर मोंडल के रूप में हुई है. पुलिस के मुताबिक, मामला तब सामने आया जब राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से शिकायत मिली कि कुछ जालसाजों ने सरकारी पोर्टल से मिलती-जुलती वेबसाइट https://jeevanpraman.online/ बना ली.
जीवन प्रमाण सेवाओं के नाम पर वसूले पैसे
इस वेबसाइट पर अधिकांश कंटेंट वास्तविक सरकारी पोर्टल से कॉपी किया गया था और वे इस नकली वेबसाइट के माध्यम से जीवन प्रमाण सेवाओं के लिए लोगों से पैसा ले रहे थे. पुलिस ने कहा कि जीवन प्रमाण 10 नवंबर, 2014 को शुरू की गई भारत सरकार की एक पहल है. यह केंद्र सरकार, राज्य सरकार और अन्य सरकारी संगठनों के एक करोड़ पेंशनभोगियों के लिए एक बायोमेट्रिक-सक्षम डिजिटल सेवा है.
लेते थे 199 रुपये का पंजीकरण शुल्क
पुलिस उपायुक्त (साइबर सेल) प्रशांत गौतम ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि वेबसाइट https://jeevanpraman.online के माध्यम से आरोपी ने आवेदक से जीवन प्रमाण के लिए फॉर्म भरने को कहा और प्रति आवेदक 199 रुपये का पंजीकरण शुल्क लिया. यहां जीवन प्रमाण देने के नाम पर आम जनता को ठगा गया है. इस संबंध में मामला दर्ज किया गया है.
तीन राज्यों में छापेमारी कर पकड़े गए बदमाश
जांच के दौरान टीम ने वेबसाइट रजिस्ट्रार, बैंकों से कथित वेबसाइट की तकनीकी जानकारी, बैंक डिटेल और कॉल डिटेल जुटाई और उसकी छानबीन की. अधिकारी ने बताया कि तकनीकी जांच के आधार पर टीम ने उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में छापेमारी कर आरोपियों की पहचान की और उन्हें पकड़ लिया. पुलिस ने बताया कि उन्होंने एक लैपटॉप, 10 मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए हैं.