कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को आधी रात को कड़ी सुरक्षा के बीच झारखंड के सरायकेला जेल से रायपुर लाया गया. अमन साहू ने खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया है और बताया जाता है कि वह बिश्नोई का करीबी सहयोगी है. इस बात की पुष्टि रायपुर पुलिस अधीक्षक (SP) ने भी की है.
अमन साहू को रायपुर लाने के लिए झारखंड और छत्तीसगढ़ की पुलिस ने संयुक्त रूप से काम किया. 30 से अधिक सशस्त्र पुलिसकर्मियों की एक विशेष टीम उसकी सुरक्षा के लिए तैनात थी, जो उसे सुरक्षित रायपुर लेकर आई. अमन साहू को रायपुर क्राइम ब्रांच कार्यालय में रखा गया है, जहां उसे कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. पुलिस आज अमन साहू को अदालत में पेश करेगी और उसे रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है, ताकि उससे इस पूरे मामले की गहन पूछताछ की जा सके. पुलिस अमन साहू से उसके अपराधों और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ उसके संबंधों के बारे में जानकारी जुटाना चाहती है.
अमन साहू पर रायपुर के टेलिबांधा इलाके में एक व्यवसायी के कार्यालय के बाहर फायरिंग करने का आरोप है. यह घटना शहर में दहशत फैलाने वाली थी और इसके पीछे अमन साहू की भूमिका होने का संदेह है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है. गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है. अमन साहू के बारे में कहा जा रहा है कि वह लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह का सक्रिय सदस्य है. लॉरेंस बिश्नोई गैंग भारत के कई राज्यों में अपने अपराधों के लिए कुख्यात है. अमन साहू के गैंग से जुड़ाव की पुष्टि के बाद पुलिस इस मामले में और भी बड़े खुलासे की उम्मीद कर रही है.
रायपुर पुलिस अब अमन साहू से उसके गैंग के बारे में जानकारी निकालने की कोशिश करेगी. इसके साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इस फायरिंग की घटना के पीछे कोई और बड़ी साजिश थी और इसमें कौन-कौन शामिल थे. पुलिस अमन साहू से पूछताछ कर उसके बाकी साथियों का भी पता लगाने की कोशिश करेगी, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हो सकते हैं.