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मॉडल नहीं, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के हैं ये PHOTOS, जिसने जेल में बैठ रची मूसेवाला के मर्डर की साजिश

Gangster Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई जेल में अपने पास विदेशी सिम रखता है. पांच साल पहले भी उसके पास कुख्यात जेल में भी दो विदेशी सिम कार्ड मिले थे. यह गैंगस्टर अपने गुर्गों को जेल से ही अपराध करने का संदेश भेजता है. यूनिवर्सिटी में भी रह चुका पोस्टर बॉय...

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ये तस्वीरें जेल में क्लिक की गई थीं. (फोटो साभार:फेसबुक)
ये तस्वीरें जेल में क्लिक की गई थीं. (फोटो साभार:फेसबुक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तिहाड़ जेल में बंद है गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई
  • मूसेवाला के मर्डर में आया लॉरेंस का नाम

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से पूछताछ करने की तैयारी है. पुलिस अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आरोपी लॉरेंस को रिमांड पर ले सकती है. FIR में भी लॉरेंस का नाम दर्ज है और पुलिस का भी मानना है कि हत्या की साजिश तिहाड़ से ही रची गई थी. 

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हत्या, फिरौती, अपहरण जैसे संगीन मामले में आरोपी लॉरेंस बिश्नोई दिल्ली की तिहाड़ जेल नंबर-8 के हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद हैं. वह जेल से ही अपनी गैंग ऑपरेट करता है. कानून की पढ़ाई कर चुका लॉरेंस अपने कॉलेज के दिनों से ही जुर्म की दुनिया में कूद गया था. राजस्थान की जेल में बंद रहने के दौरान वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव था. उसके समर्थक भी फेसबुक पर अपने आका से जुड़ी पोस्ट डालते रहते हैं.  

 

फरीदकोट में तो जेल की सलाखों में कैद होने के बावजूद लॉरेंस ने बॉडी बनाई. इसके फोटो भी बाकायदा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए थे. जेल की बैरक में वह मोबाइल से सेल्फ भी क्लिक करके शेयर करता था. 

पंजाब यूनिवर्सिटी से पढ़ाई

पंजाब के फिरोजपुर में 12 फरवरी 1993 को लॉरेंस बिश्नोई का जन्म हुआ था. 2009 में लॉरेंस ने पंजाब यूनिवर्सिटी में कानून की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया था.  कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उसने Student Organization of Punjab University (SOPU) जॉइन किया  और कुछ समय में ही वह संगठन का कर्ताधर्ता बन गया. कॉलेज की राजनीति से ही उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा था.

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असल में चंडीगढ़ स्थित यूनिवर्सिटी में Panjab University Students Union (PUSU) से टूटकर ही  Student Organization of Punjab University (SOPU) संगठन बना था. इन दोनों छात्र संगठनों के बीच जमकर संघर्ष होता रहता था.  

PUSU ने पहली बार PU 1978 में छात्र चुनाव लड़ा, जबकि SOPU 1997 में अस्तित्व में आया और उसी वर्ष पहला चुनाव जीता. कैंपस की राजनीति में PUSU और SOPU दोनों का ही दबदबा था. हालांकि, SOPU के नेता बाद में मुख्यधारा की पार्टियों में शामिल हो गए. इस दौरान उसके साथ विक्की मिद्दुखेड़ा भी पढ़ता था. 

बताया जाता है कि छात्र राजनीति से निकलकर विक्की मिद्दूखेड़ा ने शिरोमणि अकाली दल का दामन थाम लिया था. जबकि लॉरेंस ने केस दर्ज होने के बाद पूरी तरह से अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था. केस दर्ज होने के बाद उसे लगातार न्यायिक हिरासत में रखा जाने लगा.

2021 में विक्की मिद्दुखेड़ा की हत्या कर दी गई. (फाइल फोटो)

पिछले साल हुई थी मिद्दुखेड़ा की हत्या 

उधर, 7 अगस्त 2021 को यूथ अकाली नेता विक्रम सिंह उर्फ विक्की मिद्दुखेड़ा का सरेआम कत्ल हो गया था. कहा गया कि मिद्दुखेड़ा हत्याकांड में शामिल  बंबिहा ग्रुप के लोगों को सिंगर मूसेवाला ने पनाह दी थी, जिसका बदला बिश्नोई गैंग ने लिया.  हालांकि, मूसेवाला हत्याकांड में रंजिश के अलावा फिरौती की भी बात सामने आ रही है. 

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बहरहाल, लॉरेंस बिश्नोई छात्र राजनीति के समय से ही रॉबिनहुड स्टाइल में काम करने के चलते एक बड़ी छात्र संख्या के बीच पोस्टर बॉय बन गया था. वह क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह को अपना आदर्श मानने का दावा करता है. भगत सिंह की तस्वीर वाली टी शर्ट और लॉरेंस के पोस्टर कॉलेज की दीवारों पर लगाए जाने लगे थे.

देखते देखते पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की सबसे खतरनाक गैंगों में से एक का लीडर लॉरेंस का बन गया. लॉरेंस  अपने गैंग का संचालन अमूमन जेल से ही करता है. उसकी गैंग के पास महंगी पिस्तौल और बंदूकों का जखीरा भी है.  

विदेशी सिमों का इस्तेमाल

लॉरेंस जेल में अमूमन विदेशी सिमों के इस्तेमाल से ही सारे संदेश वॉट्सऐप के जरिये अपने गुर्गों को भेजता है. कुख्यात काला जठेड़ी से हाथ मिलाने के बाद उसकी गैंग में 700 के करीब शूटर और गुर्गे शामिल हो गए हैं. मूसेवाला मर्डर से पहले भी यही खुलासा हुआ है कि लॉरेंस बिश्नोई ने वर्चुअल नंबरों से विदेश में मौजूद गोल्डी बरार से कई बार बात की थी. 

आज से करीब 5 साल पहले लॉरेंस को जब पंजाब की फरीदकोट जेल से प्रोडक्शन वारंट पर जोधपुर लाया गया था, तब भी उसकी हरकतें कम नहीं हुईं. इसके चलते उसे अजमेर की कुख्यात घूघरा जेल भेजा गया था. लेकिन  हाई सिक्युरिटी वाली जेल में भी शातिर बदमाश के दो विदेशी सिम कार्ड और मोबाइल पहुंच गए थे. 

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जेल में पहुंच जाती है सिम

सोशल मीडिया पोस्ट्स से मालूम होता है कि 29 साल का लॉरेंस अच्छे कपड़ों और बॉडी बिल्डिंग का भी शौक रखता है. चार साल पहले पंजाब की फरीदकोट जेल से लॉरेंस को राजस्थान की एकमात्र हाई सिक्योरिटी वाली घूघरा घाटी जेल में शिफ्ट किया गया था. फिर भी वह अंदर से ही 4G सिम का इस्तेमाल कर अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था.  

सलमान खान को मारने की सुपारी

कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस ने साल 2018 में बॉलीवुड स्टार सलमान खान को मारने की सुपारी भी दी थी. जिसके बाद से लॉरेंस काफी चर्चे में आ गया था. जोधपुर अदालत में पेशी के दौरान लॉरेंस ने मीडियाकर्मियों कहा था कि सलमान को मारेंगे, यहीं मारेंगे. दरअसल, काला हिरण शिकार मामले में फंसे सलमान खान उन दिनों जोधपुर कोर्ट में पेशी पर जाते थे. 

गौरतलब है कि गैंगस्टर लॉरेंस पर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में 50 से ज्यादा हत्या, रंगदारी, हत्या की कोशिश, धमकी, अपहरण जैसे 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं.    

 

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