सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में शामिल आरोपी सचिन बिश्नोई को पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. उसे मंगलवार सुबह ही अजरबैजान से भारत लाया गया था. बता दें कि सचिन गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भांजा है. अजरबैजान से लाए जाने के बाद कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
सुरक्षा कारणों की वजह से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भांजे सचिन को अदालत नहीं लाया गया था. लॉकअप से ही उसकी पेशी कराई गई थी. पटियाला हाउस कोर्ट की मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया खुद कोर्ट लॉकअप में गईं और मामले की सुनवाई कर आदेश पारित किया.
सचिन को अजरबैजान से लाने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम अजरबैजान पहुंची थी.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कुछ दिन पहले सचिन बिश्नोई दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर फरार हो गया था. सचिन पर आरोप है कि उसने भारत में रहकर ही मूसेवाला हत्याकांड की प्लानिंग की और फिर दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर अजरबैजान भाग गया था.
सचिन को जब अजरबैजान से गिरफ्तार किया गया था, तब उसके पास से फर्जी पासपोर्ट भी मिला था. दरअसल, सचिन अपना पूरा नाम सचिन थापन लिखता है, जबकि उसके पास से तिलक राज टूटेजा के नाम का पासपोर्ट बरामद किया गया था. सचिन के पिता का असली नाम शिव दत्त है, जबकि फर्जी पासपोर्ट में उसके पिता का नाम भीम सेन लिखा हुआ था.
सचिन के दोस्त संदीप उर्फ केकड़ा ने ही मूसेवाला की रेकी की थी. वह मूसेवाला का फैन बनकर उनके घर पहुंचा था. केकड़ा ने मूसेवाला के साथ सेल्फी भी ली थी. जैसे ही मूसेवाला घर से निकले तो केकड़ा ने जानकारी शूटर्स को दे दी थी. उसके बाद शूटरों ने मूसेवाला को घेरने की योजना बना ली और मौका मिलते ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी.
मूसेवाला का सरेआम हुआ था कत्ल
29 मई 2022 को मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की सरेआम हत्या कर दी गई थी. उनकी गाड़ी को घेरकर शूटर्स ने अंधाधुंध गोलियां चलाई थीं. ये शूटर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के थे. हत्याकांड कितना भयावह था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पोस्टमार्टम में सिद्धू के शरीर पर गोलियों के 24 निशान मिले थे. यानी हत्यारे किसी भी कीमत पर मूसेवाला को जिंदा नहीं छोड़ना चाहते थे.