scorecardresearch
 

हाउस अरेस्ट का बिल... गौतम नवलखा को महाराष्ट्र सरकार को चुकाना होगा 1 करोड़ 64 लाख, SC ने कहा- इससे बच नहीं सकते

गौतम नवलखा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिसंबर 2023 में जमानत दे दे थी. इसके बाद एनआईए की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने इसपर रोक लगा दी. बाद में नवलखा ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत पर सुनवाई तक के लिए हाउस अरेस्ट की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर किया. इस दौरान उन्हें 24 घंटे सुरक्षा दी जाती थी, जिसका भुगतान उन्हें खुद करना होगा.

Advertisement
X
गौतम नवलखा. (File Photo)
गौतम नवलखा. (File Photo)

सुप्रीम कोर्ट ने एक्टिविस्ट गौतम नवलखा से यह स्पष्ट कर दिया है कि हाउस अरेस्ट में रहने के दौरान मिली सुरक्षा का खर्च उन्हें ही देना होगा. कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती पर हुए खर्च के भुगतान से वह नहीं बच सकते, क्योंकि उन्होंने खुद ही हाउस अरेस्ट की मांग की थी.

Advertisement

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच को बताया कि हाउस अरेस्ट में रहने के दौरान नवलखा पर 1.64 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसका उन्हें भुगतान करना है. उन्हें एल्गार परिषद-मार्कसिस्ट से संबंध मामले में गिरफ्तार किया गया था और मेडिकल ग्राउंड पर कोर्ट ने उनकी हाउस अरेस्ट में रखे जाने की डिमांड को मंजूर किया था.

यह भी पढ़ें: देशद्रोहियों से संपर्क, नक्सलवाद को समर्थन...कौन हैं गौतम नवलखा, जिनके घर पहुंची दिल्ली पुलिस!

गौतलम नवलखा पर 1.64 करोड़ रुपये बकाया

कोर्ट ने एक्टिविस्ट नवलखा के वकील से कहा, "अगर आपने इसकी (हाउस अरेस्ट) मांग की है, तो आपको भुगतान करना होगा." दो जजों की बेंच ने कहा, ''आप जानते हैं कि आप दायित्व से बच नहीं सकते क्योंकि आपने इसकी मांग की थी.'' एनआईए ने बताया कि 1.64 करोड़ रुपये बकाया है और नवलखा को अपनी नजरबंदी के दौरान दी गई सुरक्षा के लिए भुगतान करना होगा. 

Advertisement

नवलखा ने पहले किया था दस लाख का भुगतान

नजरबंदी के आदेश को ''असामान्य'' बताते हुए एनआईए के वकील राजू ने कहा कि उनकी नजरबंदी के दौरान सुरक्षा के लिए 24 घंटे बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया. नवलखा का पक्ष रखने वाले वकील ने कहा कि भुगतान करने में कोई मुश्किल नहीं है लेकिन मुद्दा गणना के संबंध में है. एजेंसी के वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि नवलखा ने पहले इसके लिए दस लाख रुपये का भुगतान किया था लेकिन अब वह इस बच रहे हैं.

गौतम नवलखा को बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी थी जमानत

नवलखा के वकील ने कहा, '' टालने का कोई सवाल ही नहीं है.'' उनके वकील ने कहा कि एनआईए की याचिका पर भी सुनवाई की जरूरत है, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के 19 दिसंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें नवलखा को जमानत दी गई थी. हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी लेकिन एनआईए द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने के लिए समय मांगने के बाद तीन सप्ताह के लिए अपने आदेश पर रोक लगा दी थी. 

यह भी पढ़ें: न्यूजक्लिक केसः दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल मुंबई रवाना, मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा से कर सकती है पूछताछ

Advertisement

23 अप्रैल को जमानत मामले पर सुनवाई

बाद में एससी ने हाईकोर्ट के जमानत आदेश पर रोक और आगे बढ़ा दिया था और मामले की सुनवाई 23 अप्रैल की तारीख तय की थी - मसलन करीब दो हफ्ते  बाद इस मामले पर सुनवाई होगी. 7 मार्च को, नवलखा के वकील ने एससी में इस आंकड़े पर सवाल उठाया था और एजेंसी पर "जबरन वसूली" का आरोप लगाया था. एजेंसी के वकील ने "जबरन वसूली" शब्द के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई थी. नवलखा नवंबर 2022 से मुंबई की एक पब्लिक लाइब्रेरी में नजरबंद हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement