scorecardresearch
 

जनरल बिपिन रावत का करियर नेतृत्व की एक बेहतरीन मिसाल: सेना उप प्रमुख

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव वाइस एडमिरल अतुल आनंद कहते हैं, "मुझे जनरल रावत के नजरिए, रवैये और नेतृत्व को देखने का सौभाग्य मिला. उनके साथ बातचीत करने का मौका तब मिला, जब मुझे नौसेना मुख्यालय में विदेशी सहयोग और खुफिया के लिए नौसेना स्टाफ के आकलन प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया."

Advertisement
X
जनरल बिपिन रावत
जनरल बिपिन रावत

सीडीएस जनरल बिपिन रावत (Gen Bipin Rawat) की पुण्यतिथि पर, सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एनएस राजा सुब्रमणि ने कहा, "आज हम जनरल बिपिन रावत के दुखद नुकसान को याद कर रहे हैं. तीन साल हो गए हैं, जब हमने एक बहादुर देशभक्त, एक सक्षम सैन्य रणनीतिकार और एक अच्छे लीडर को खो दिया है. आज का प्रोग्राम देश के सबसे महान नेताओं और सैन्य पेशेवरों में से एक की शानदार विरासत को श्रद्धांजलि है." बता दें कि 8 दिसंबर 2021 को प्लेन क्रैश हादसे में जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई थी.

Advertisement

उन्होंने कहा, "जनरल रावत एक विद्वान सैनिक और सैन्य सुधारक थे, जिनमें भविष्य की कल्पना करने की असाधारण क्षमता थी. चार दशकों से ज्यादा के करियर में, जनरल रावत की उपलब्धियां सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सभी पहलुओं में थीं. कर्तव्य के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता, तेज-तर्रार रणनीतिक कौशल और बेहतरीन नजरिए के लिए जाने जाने वाले जनरल रावत एक सैनिक से कहीं बढ़कर थे. वे अपने आप में एक संस्था थे."

'मुझे उनकी सोच...'

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव वाइस एडमिरल अतुल आनंद कहते हैं, "मुझे जनरल रावत के नजरिए, रवैये और नेतृत्व को देखने का सौभाग्य मिला. हालांकि, शुरुआत में हमारे पेशेवर रास्ते एक-दूसरे से नहीं मिले क्योंकि हम अलग-अलग सेवाओं से थे, लेकिन उनके साथ बातचीत करने का मौका तब मिला, जब मुझे नौसेना मुख्यालय में विदेशी सहयोग और खुफिया के लिए नौसेना स्टाफ के आकलन प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया. मुझे उनकी सोच के बारे में बहुत अच्छी जानकारी मिली, जो सामरिक से लेकर रणनीतिक स्तर तक फैली हुई थी, सशस्त्र बलों, नागरिक-सैन्य संबंधों, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों, अंतर-सेवा संबंधों और ऐसे कई अन्य विषयों में बदलाव लाने के उनके विचार."

Advertisement

उन्होंने आगे कहा कि जनरल हमेशा यथास्थिति को बदलने और एक अलग मानसिकता के साथ परिचालन चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहते थे. हम सभी जानते हैं कि सेना प्रमुख के रूप में, वह हमारी पश्चिमी सीमाओं पर सेना की रणनीतिक प्रतिक्रिया के बारे में बहुत साफ थे. उनका मानना ​​था कि नियंत्रण रेखा पर एक सख्त दंडात्मक कार्रवाई और शारीरिक वर्चस्व ही हमारे पड़ोसी के व्यवहार को नियंत्रित करने का एकमात्र तरीका था.

यह भी पढ़ें: सर्जिकल और बालाकोट स्ट्राइक में जनरल बिपिन रावत का था अहम योगदान... दिवंगत जनरल को याद कर बोले CDS जनरल अनिल चौहान

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई. कार्यक्रम में जी.बी.आर. मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन और पूर्व वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया ने फाउंडेशन के विजन और भविष्य की योजनाओं पर बोलते हुए कहा, "यह फाउंडेशन जनरल बिपिन रावत के दूरगामी लक्ष्यों को पूरा करने की एक कोशिश है. इसके लिए तीनों सेनाओं को आगे आना चाहिए."

भारत के पहले CDS जनरल बिपिन रावत की तीसरी पुण्यतिथि पर जी.बी.आर. मेमोरियल फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने दिल्ली के कोटा हाउस स्थित नेवल ऑफिसर्स मेस में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एन.एस. राजा सुब्रमणि और सैन्य मामलों के विभाग में अतिरिक्त सचिव वाइस एडमिरल अतुल आनंद विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए. इसके अलावा जी.बी.आर. फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष और पूर्व वायुसेना प्रमुख आर.के.एस. भदौरिया, स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत की बेटी तारिणी रावत और अन्य वीर जवानों के परिवार के सदस्य भी शामिल हुए.

Advertisement

इस प्रोग्राम में तीनों सेनाओं के अधिकारी, सुरक्षा से जुड़े लोग, जनरल बिपिन रावत के परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और बड़ी तादाद में जनरल बिपिन रावत के प्रशंसक शामिल हुए.

Live TV

Advertisement
Advertisement