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भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मंगलवार को सियाचिन और पूर्वी लद्दाख का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने सेक्टर्स में ऑपरेशनल हालाता का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ सेना के नॉर्दन कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और लेह स्थित 14वीं कोर (फायर एंड फ्यूरी कोर) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन भी मौजूद थे.
जनरल नरवणे ने ट्रूप्स के साथ बातचीत की और उनकी दृढ़ता और ऊंचे मनोबल की सराहना की. जाहिर है हमारे सेना के जवान प्रतिकूल हालात में और खराब मौसम होने के बावजूद अपने स्थान पर जमे रहते हैं. सेना प्रमुख 28 अप्रैल 2021 को दौरे से वापस लौटेंगे.
इससे पहले आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे ने कहा था कि 9वें दौर की बातचीत के बाद दोनों सेनाएं अपनी-अपनी जगह पर लौट गई हैं. मैं साफ करना चाहता हूं कि हमने अपनी कोई जमीन नहीं खोई. हम बातचीत के जरिए आगे बढ़ रहे हैं. गोगरा और हॉट स्प्रिंग जैसे इलाकों को लेकर भी बात चल रही है.
उन्होंने कहा कि हमारे सामने हमेशा दो सरहद (चीन और पाकिस्तान) पर चुनौती रहती है. हम दोनों ही सरहद पर हमेशा तैयार हैं. फरवरी के आखिरी में भारत और पाकिस्तान के बीच DGMO लेवल की बातचीत में सीजफायर को लेकर सहमति बनी थी. उसके बाद से अब तक सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से सीजफायर उल्लंघन नहीं हुआ है.
सेना प्रमुख ने कहा, "पाकिस्तान के साथ फरवरी में सीजफायर को लेकर जो समझौता हुआ था, उसकी वजह से मार्च में अभी एलओसी पर शांति है, लेकिन दूसरी तरफ आतंकी कैम्प अभी भी मौजूद हैं. समझौते से आतंकी काफी हताश हैं. ऐसे में जैसे-जैसे बर्फ पिघल रही है, उनकी तरफ से घुसपैठ की कोशिश भी हो रही है."