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जनरल अनिल चौहान ने संभाला सीडीएस का पदभार, कहा- सभी चुनौतियों का सामना करने को तैयार

देश के नए सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने पदभार संभाल लिया है. उसके बाद उन्होंने कहा कि मुझे भारतीय सशस्त्र बलों में सर्वोच्च रैंक की जिम्मेदारी संभालने पर गर्व है. मैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में तीनों रक्षा बलों की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करूंगा. हम सभी चुनौतियों और मुश्किलों का मिलकर सामना करेंगे.

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लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान (फाइल फोटो)
लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) अनिल चौहान (फाइल फोटो)

जनरल अनिल चौहान ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पदभार ग्रहण कर लिया है. नेशनल वार मेमोरियल में श्रद्धांजलि देने और तीनों सेनाओं के साझा गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उन्होंने पदभार ग्रहण किया. अनिल चौहान को जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के इलाकों में आतंकवाद का सफाया करने के लिए जाना जाता है. जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद सीडीएस का पद खाली था.

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पदभार संभालने के बाद नए सीडीएस अनिल चौहान ने कहा कि मुझे भारतीय सशस्त्र बलों में सर्वोच्च रैंक की जिम्मेदारी संभालने पर गर्व है. मैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में तीनों रक्षा बलों की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करूंगा. हम सभी चुनौतियों और मुश्किलों का मिलकर सामना करेंगे. इससे पहले जनरल अनिल चौहान ने दिल्ली के नेशनल वार मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. वह अपने पिता सुरेंद्र सिंह चौहान के साथ मेमोरियल पहुंचे थे.  

फाइल फोटो

रक्षा विभाग में सचिव के रूप में काम करेंगे 

रक्षा मंत्रालय की ओर जारी दी गई जानकारी के अनुसार, वह भारत सरकार के सैन्य मामलों से जुड़े विभाग के सचिव के रूप में भी कार्य करेंगे. जनरल अनिल चौहान अपने लगभग 40 वर्षों से अधिक के करियर में कई कमांड संभाल चुके हैं. उन्हें जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी अनुभव है.  

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फाइल फोटो

31 मई 2021 को रिटायर हुए थे अनिल चौहान 

18 मई 1961 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान 1981 में भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल्स में भर्ती हुए थे. वह नेशनल डिफेंस अकेडमी, खडकवासला और इंडियन मिलिट्री अकेडमी, देहरादून के पूर्व छात्र हैं. मेजर जनरल के रैंक के अधिकारी ने उत्तरी कमान में महत्वपूर्ण बारामुला सेक्टर में एक इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली थी. बाद में लेफ्टिनेंट जनरल के रूप में उन्होंने उत्तर पूर्व में एक कोर की कमान संभाली. इसके बाद वह सितंबर 2019 से पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बने और 31 मई 2021 में रिटायर हुए.  

फाइल फोटो

मिल चुके हैं कई सम्मान 

उन्होंने डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन के प्रभार भी संभाला है. इससे पहले, अधिकारी ने अंगोला में संयुक्त राष्ट्र मिशन के रूप में भी काम किया था. सेना से रिटायर होने के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मामलों में योगदान देना जारी रखा. सेना में उनकी विशिष्ट और शानदार सेवा के लिए, लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त) को परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक और विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया है. 

रक्षा मंत्रालय ने नियुक्ति को लेकर बदला था नियम 

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की नियुक्ति से संबंधित तीनों रक्षा बलों के नियमों में संशोधन के लिए इसी साल गजट अधिसूचना जारी की थी. जिसमें केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल या जनरल रैंक से रिटायर सैन्य अधिकारी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बनाने को अनुमति दे दी थी. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने थल, वायु और नौसेना के सर्विस एक्ट में बदलाव किया गया था. 
 

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