दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ पुलिस एक्शन की तैयारी में है. भारी संख्या में पुलिस बल, RAF और वज्र वाहनों को देखकर इसकी आहट साफ सुनाई दे रही है. गाजीपुर बॉर्डर इस समय छावनी में बदल गया है. ऐसे में पूरे देश की नजर इस वक्त गाजीपुर बॉर्डर पर टिकी है. बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स की मौजूदगी को लेकर किसान नेता भी सतर्क हैं.
बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड हिंसा के बाद आज दिल्ली की सीमाओं पर हलचल तेज हो गई है. योगी सरकार ने धरनास्थल खाली कराने का आदेश जारी किया है. ऐसे में गाजीपुर बॉर्डर पर इस समय बस, वज्र वाहन, RAF समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है. गाजीपुर में धरना दे रहे किसानों को धारा 133 के तहत नोटिस भी दिया गया है.
बताया जा रहा है कि यहां किसानों के आंदोलन पर कार्रवाई की पूरी तैयारी है. इस बीच गाजीपुर बॉर्डर पर धारा 144 लगा दी गई है. यही नहीं प्रदर्शनकारियों को ले जाने के लिए बसें लाई गईं हैं. गाजीपुर बॉर्डर को दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है.
ट्रैफिक पुलिस ने भी लोगों को गाजीपुर होते हुए ना जाने की सलाह दी है. ट्रैफिक को रोड नं.56, अक्षरधाम और निजामुद्दीन के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. पुलिस ने NH-9, NH-24 जाने से बचने की सलाह दी है.
इससे पहले गाजीपुर बॉर्डर पर प्रशासन ने सभी सुविधाएं हटा दी है. जिस पर राकेश टिकैत ने कहा कि देश ने मुझे झंडा दिया है तो पानी भी देगा. उन्होंने अनशन का ऐलान करते हुए कहा कि अब मैं गाजियाबाद का पानी नहीं पीऊंगा. गांव के लोग पानी लाएंगे तब मैं पीऊंगा.
वहीं, गाजीपुर बॉर्डर पर तैनात प्रीत विहार के एसीपी वीरेंद्र पुंज ने कहा है कि किसानों को अपने आप ही गाजीपुर बॉर्डर को खाली कर देना चाहिए. हम पहले भी शांति की अपील कर रहे थे, वही आज भी कर रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती है. धरनास्थल पर प्रशासन की टीम भी मौजूद है. स्थानीय लोग भी यहां पर मौजूद हैं और सड़क खाली करने की मांग कर रहे हैं. उधर, 26 जनवरी को लाल किला हिंसा मामले में देशद्रोह और UAPA के तहत केस दर्ज किया गया है. साथ ही मामले की स्पेशल सेल जांच करेगी. कुल मिलाकर पुलिस अब आंदोलन कर रहे लोगों पर एक्शन लेने की तैयारी में है. मौजूदा हालात इसके साफ संकेत दे रहे हैं.