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गुलाम नबी आजाद की किताब लॉन्च, बोले- कांग्रेस छोड़ने की वजह राहुल

डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा बुधवार को लॉन्च हुई. दिल्ली में आयोजित एक समारोह में पुस्तक का विमोचन किया गया. इस दौरान गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और खुद के पार्टी छोड़ने की वजह भी बताई. पुस्तक विमोचन समारोह में, देश भर से 30 से अधिक विपक्षी दल के नेता, प्रमुख पत्रकार और कार्यकर्ता शामिल रहे.

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गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा में कई राजनीतिक घटनाक्रमों का खुलासा हुआ है
गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा में कई राजनीतिक घटनाक्रमों का खुलासा हुआ है

पूर्व कांग्रेसी और अब डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आजाद की आत्मकथा पुस्तक बुधवार को लॉन्च हो गई. इस पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान आजाद कांग्रेस पर खासतौर पर राहुल गांधी पर खूब बरसे. उन्होंने इस दौरान बड़ी बात कही और खुद के कांग्रेस छोड़ने की वजह राहुल गांधी को बताया. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि, सिर्फ मैं ही क्यों, मेरे जैसे कई बहुत से लोगों के द्वारा कांग्रेस छोड़े जाने की वजह राहुल गांधी थे. उन्होंने कहा कि 'उस पार्टी में बने रहने के लिए रीढ़हीन होना जरूरी है.'

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कांग्रेस में अपनी वापसी पर उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी या यहां तक ​​कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के हाथ में नहीं है कि वे चाहते हुए भी पार्टी में उनकी वापसी करा सकें. ऐसा करने में बहुत देर हो चुकी है. भले ही राहुल गांधी ने उनकी वापसी की मांग की हो.

उन्होंने कहा कि आज राजनीति में कोई भी "अछूत" नहीं है. वह सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी के साथ जा सकते हैं, क्योंकि उन्होंने बीजेपी के साथ जाने से इनकार नहीं किया. आजाद ने कहा कि अगर राहुल गांधी ने 2013 में यूपीए सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को नहीं फाड़ा होता तो उन्हें आज अयोग्य नहीं ठहराया जाता.

अपनी नई किताब "आजाद: एन ऑटोबायोग्राफी" के बारे में उन्होंने कहा कि वह उन लोगों की तुलना में 2000 प्रतिशत अधिक कांग्रेसी रहे हैं, जो ट्विटर से काम करते हैं. आजाद ने यह भी कहा कि जब शीर्ष नेतृत्व किसी जांच एजेंसी के सामने पेश होने जा रहा है तो नेताओं को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, जैसा कि अभी किया जाता है.

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कांग्रेस नेता भी कार्यक्रम में हुए शामिल

गुलाम नबी आजाद ने अपनी आत्मकथा में राजनीति के कई विवाद खड़ा कर सकने वाले चैप्टर से पर्दा उठाया है. कांग्रेस नेता डॉ कर्ण सिंह बुधवार को नई दिल्ली में इस पुस्तक का विमोचन किया. आयोजन में उनके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया (मंत्री), प्रफुल्ल पटेल (पूर्व मंत्री), डॉ फारूक अब्दुल्ला सांसद (नेकां), आनंद शर्मा पूर्व मंत्री (कांग्रेस), डी राजा सीपीआई, विजय दरधा अध्यक्ष लोकमत, कानी मोझी सांसद (डीएमके), तिरुचि शिव एमपी, डीएमके, सुप्रिया सुले, सांसद (एनसीपी), डॉ सोनल मानसिंह, सांसद, दिनेश त्रिवेदी पूर्व मंत्री, जनेधन द्विवेदी इंक, भर्तृहरि मंतब सांसद (भाजपा), जावेद अली, सांसद राज्यसभा (सपा), कुंवर दानिश अली सांसद (बसपा), रितेश पांडे सांसद (बसपा), बीपीएस रेड्डी एमपी (टीआरएस), जयंत चौधरी सांसद (रालोद), एलामारम करीम सांसद (CPIM), डॉ प्रशांत नंदा सांसद (बीजद), संजय सिंह सांसद (आप), सुरेश रेड्डी सांसद (टीआरएस), संजय खान अभिनेता, राजिंदर कौर भट्टल पूर्व मुख्यमंत्री पंजाब भी शामिल रहे.

पुस्तक विमोचन समारोह में नेता, पत्रकार और कार्यकर्ता शामिल रहे 

अगस्त 2022 में दिया था कांग्रेस से इस्तीफा

बता दें कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बीते साल अगस्त 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से लेकर सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को 5 पन्नों का इस्तीफा भेजा था. इस्तीफे में गुलाम नबी आजाद ने लिखा था "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है.'' गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए. गुलाम नबी आजाद लंबे वक्त से कांग्रेस से नाराज थे. वे कांग्रेस के नाराज नेताओं के जी-23 गुट में भी शामिल थे. ये गुट कांग्रेस में लगातार कई बदलाव की मांग कर रहा था. 

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चुनाव अभियान समिति के पद से दिया था इस्तीफा

गुलाम नबी आजाद की नाराजगी तब सामने आई थी, जब उन्होंने अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के कुछ घंटों बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था. सोनिया गांधी चाहती थीं कि कांग्रेस जम्मू कश्मीर में आजाद के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़े. इसलिए उन्हें चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन गुलाम नबी ने पद मिलने के कुछ घंटों के बाद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था.

 

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