भाजपा नेता और गोवा के पूर्व मंत्री पांडुरंग मडकाइकर ने अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया है. पांडुरंग मडकाइकर ने कहा है कि उन्होंने अपनी फाइल पास करवाने के लिए एक मंत्री के पीए को करीब 20 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. पांडुरंग मडकाइकर का आरोप है कि सीएम प्रमोद सावंत की कैबिनेट के मंत्री पैसे गिनने में व्यस्त हैं.
अपनी ही सरकार पर बीजेपी नेता के इस आरोप से राज्य की राजनीति में हड़कंप मच गया है. मडकाइकर के इस दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के परिवहन मंत्री और भाजपा नेता मौविन गोडिन्हो ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि मडकाइकर को पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए और उस मंत्री का नाम बताना चाहिए जिसके स्टाफ को उन्होंने पैसे दिए.
विपक्षी आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी मांग की कि पुलिस मडकाइकर के दावे के संबंध में मामला दर्ज करे.
मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली पिछली कैबिनेट में मंत्री रह चुके मडकाइकर ने मंगलवार शाम को गोवा में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी एल संतोष से मुलाकात की थी. कैबिनेट में फेरबदल की अटकलों के बीच संतोष ने मंगलवार को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत समेत राज्य भाजपा नेताओं के साथ बैठक की थी.
पत्रकारों से बात करते हुए मडकाइकर ने आरोप लगाया कि सावंत के नेतृत्व वाली कैबिनेट के मंत्री "पैसे गिनने में व्यस्त" हैं. उन्होंने दावा किया, "मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि मैंने खुद अपनी फाइल पास करवाने के लिए एक मंत्री के पीए को 15-20 लाख रुपये दिए थे."
उनके दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए गोडिन्हो ने कहा कि मडकाइकर को "शिकायत दर्ज करानी चाहिए और उस मंत्री का नाम बताना चाहिए जिसे उन्होंने पैसे दिए थे.
मंत्री मौविन गोडिन्हो ने संवाददाताओं से कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग न हो, इसके लिए सावधान रहना चाहिए.
गोडिन्हो ने कहा, "मैं किसी भी बात पर टिप्पणी नहीं करना चाहता. हर कोई उन्हें अच्छी तरह जानता है. उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान क्या हुआ."
उन्होंने कहा, "मेरी उन्हें सलाह है कि जो लोग शीशे के घरों में रहते हैं, उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं फेंकने चाहिए."
इस बीच, AAP गोवा प्रमुख अमित पालेकर ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मांग की कि पणजी पुलिस मडकाइकर के बयान का संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज करें.
पालेकर ने कहा कि पुलिस को पूर्व मंत्री से यह जानकारी मांगनी चाहिए कि उन्होंने एक मंत्री के पीए को कितनी रिश्वत दी थी.