कर्नाटक के पूर्व मंत्री गूलिहट्टी शेखर के सनसनीखेज बयान ने हंगामा मचा दिया है. उनकी एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी, जिसमें वह कह रहे थे कि उनको RSS मुख्यालय में मौजूद हेडगेवार म्यूजियम में दलित होने की वजह से एंट्री नहीं मिली थी.
इस बयान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष के बेटे और विधायक प्रियांक खड़गे ने बीजेपी को घेरा था. हालांकि, मामला चर्चा में आने के बाद पूर्व मंत्री गूलिहट्टी शेखर और RSS दोनों की तरफ से सफाई आई है.
पूर्व विधायक और मंत्री गूलिहट्टी ने माना कि ऑडियो में सुनाई दे रही आवाज उन्हीं की है. लेकिन अब उन्होंने अपने बयान को थोड़ा बदल दिया है. गूलिहट्टी ने कहा कि उनको रोका नहीं गया था बल्कि साथ में वहां पहुंचे शख्स ने बताया था कि म्यूजियम के अंदर दलितों का प्रवेश वर्जित है. हालांकि, वायरल ऑडियो में पूर्व विधायक ने कहा था कि उन्होंने विजटर रजिस्टर में नाम लिखा उसके बाद उनको एंट्री देने से मना किया गया था, जिससे वह अब मुकर गए हैं.
हालांकि, बाद में RSS के सीनियर नेताओं ने उनसे संपर्क करके साफ किया कि वहां ऐसा कोई नियम लागू नहीं है और कोई भी वहां जा सकता है.
मामले के तूल पकड़ने के बाद राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) का भी इसपर बयान आया है. इसमें कहा गया है कि होसदुर्गा के पूर्व विधायक गूलिहट्टी ने दावा किया कि जाति की वजह से उनको नागपुर में मौजूद डॉक्टर हेडेगवार स्मारक भवन में नहीं जाने दिया गया. लेकिन यहां साफ किया जाता है कि वहां ऐसा कोई नियम लागू नहीं है, वहां रजिस्टर में कोई एंट्री नहीं होती. कोई भी बिना रोक-टोक वहां आ-जा सकता है.