संसद के बजट सत्र में एनडीए नेतृत्व वाली भाजपा सरकार इमिग्रेशन पर एक विधेयक पेश कर सकती है. जिसमें उनके भारत आने, रहने और जाने के साथ-साथ देश में रहने की सुविधा शामिल होगी.
सूत्रों ने कहा कि सरकार अप्रवास और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सरल करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने की संभावना है, जिसमें देश में आने-जाने और देश में रहने की सुविधा भी शामिल है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आगामी बजट सत्र में अप्रवासी और फॉरेनर्स विधेयक, 2025 पेश किए जाने की उम्मीद है.
सूत्रों ने कहा कि इस कानून का उद्देश्य अप्रवास और विदेशियों से संबंधित विभिन्न सेवाओं को सरल करना है, जिसमें उनके आने-जाने और भारत में रहना शामिल है.
भारत से विदेशियों के आने, रहने और जाने के लिए वर्तमान में विदेशी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1939 और फॉरेनर्स एक्ट, 1946 द्वारा नियंत्रित होता है. जबकि विदेशियों को सभी कैटेगरी के भारतीय वीजा विदेश में स्थित भारतीय मिशनों या पोस्टों द्वारा फिजिकल या स्टिकर रूप में दिए जा सकते हैं, इमिग्रेशन ब्यूरो (बीओआई) 167 देशों के लोगों को सात कैटेगरी के तहत इलेक्ट्रॉनिक वीजा प्रदान करता है.
इन देशों को मिला ऑन-अराइवल वीजा
इसके अलावा तीन देशों-जापान, दक्षिण कोरिया और संयुक्त अरब अमीरात (केवल ऐसे संयुक्त अरब अमीरात के नागरिकों के लिए, जिन्होंने पहले भारत के लिए ई-वीजा या नियमित या पेपर वीजा प्राप्त किया था) के नागरिकों को छह नामित हवाई अड्डों पर आव्रजन अधिकारियों द्वारा वीजा-ऑन-अराइवल दिया जाता है.
भारत में विदेशियों के ठहरने और आवागमन और उनके जाने को बीओआई और राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा नियंत्रित किया जाता है.
मौजूदा कानूनों के अनुसार, लंबी अवधि (180 दिनों से अधिक) के छात्र, मेडिकल, रिसर्च, रोजगार, मिशनरी और प्रोजेक्ट वीजा पर सभी विदेशियों को विदेशी क्षेत्रीय रजिस्टर्ड अधिकारी (एफआरआरओ) या विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) के साथ पंजीकरण कराना होता है. लेकिन पाकिस्तानी नागरिकों को अपने आगमन के 24 घंटे के भीतर पंजीकरण कराना जरूरी होता है.
भारत में विदेशियों को कवर करने वाले अन्य कानूनों में नागरिकता अधिनियम, 1955 शामिल है जो भारतीय नागरिकता के अधिग्रहण और समाप्ति के साथ-साथ विदेशियों के भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) के रूप में अधिग्रहण और पंजीकरण को नियंत्रित करता है.
पासपोर्ट अधिनियम, 1967 में भारतीय नागरिकों और अन्य व्यक्तियों के भारत से प्रस्थान को विनियमित करने के लिए पासपोर्ट और यात्रा डॉक्यूमेंट जारी करने का प्रावधान है. और इमिग्रेशन ( कैरियर्स लाइविलिटी ) अधिनियम, 2000 जो पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन में उनके द्वारा भारत में लाए गए यात्रियों के संबंध में वाहक को जवाबदेह बनाता है.
कुछ इलाकों में जाने का लेना होता है विशेष परमिट
वहीं, विदेशियों की आवाजाही, ठहरने और वीजा के अलावा भारत में कुछ संरक्षित इलाके हैं. जहां विदेशियों को यात्रा के लिए विशेष परमिट की जरूरत होती है, जिसमें पूर्वोत्तर के कई राज्य, पूरा अंडमान और निकोबार, जूम्म-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान शामिल हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल, 2023 से 31 मार्च, 2024 के बीच कुल 98,40,321 (98.40 लाख) विदेशियों ने भारत का दौरा किया है.