हज यात्रा के लिए हवाई किराए की कीमत पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से एक हफ्ते में निर्णय लेने के लिए कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश केंद्र सरकार की ओर से दिए गए बयान के बाद दिया. बयान में कहा गया है कि हवाई जहाज के किराए को लेकर उठाए जा रहे सवाल के आधार पर जांच की जाएगी. सरकार के निर्णय के कारणों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा, ताकि यह दिखाया जा सके कि कालीकट से जेद्दा की हज यात्रा केरल के अन्य जगहों से की जाने वाली यात्रा की तुलना में अधिक महंगी क्यों है?.
'लिया जा रहा है 1 लाख किराया'
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के मुताबिक 85-86 हजार की जगह एक लाख रुपये किराया लिया जा रहा है. इस आधार पर यह कृत्य मनमाना है.
हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि इस बात पर विवाद नहीं है कि किराया अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा तय किया जाता है. ऐसे में नीतिगत विषय में कोर्ट द्वारा कोई राय व्यक्त करना उचित नहीं है. यदि कोर्ट द्वारा याचिका को अस्वीकार कर दिया जाता है तो यह हज यात्रियों के लिए प्रतिकूल होगा और उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ेगा.
दरअसल, कालीकट से रवाना होकर जेद्दा पहुंचने वाली हज यात्रा के लिए एक लाख के हवाई किराए की कीमत पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.