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बचत योजनाओं के ब्याज दर में अब कटौती नहीं, दिग्विजय का तंज- चुनाव के डर से बदला फैसला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'चुनाव के डर से मोदी-शाह-निर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया.'

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ब्याज दर में कटौती का फैसला वापस
  • दिग्विजय सिंह ने सरकार पर कसा तंज

सरकार ने बचत योजनाओं के ब्याज दर में कटौती के ऐलान को वापस ले लिया है. इसके पहले बुधवार को सरकार ने एक अप्रैल 2021 से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज की दर को घटा दिया था, लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सुबह ट्वीट करके ब्याज दर में कटौती के ऐलान को वापस लेने की जानकारी दी है.

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सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'चुनाव के डर से मोदी-शाह-निर्मला सरकार ने अपना गरीब व आम आदमी की छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर का निर्णय बदल दिया, धन्यवाद, लेकिन निर्मला जी यह वादा भी कर दीजिए कि चुनाव हो जाने के बाद भी आप फिर से ब्याज दर नहीं घटाएंगीं.'

वहीं, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'भाजपा सरकार ने अपने फायदे के लिए ब्याज दरों में कमी करके मध्यम वर्ग पर एक और हमला करने का फैसला किया था, पकड़े जाने पर, वित्त मंत्री ने अनजाने में गलती हुई के बहाने बना रही हैं, जब मुद्रास्फीति लगभग 6 प्रतिशत है और बढ़ने की उम्मीद है, तो भाजपा सरकार बचतकर्ताओं और मध्यम वर्ग को 6 प्रतिशत से कम ब्याज दर दे रही है, जो पूरी तरह अनुचित है.'

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क्या था नोटिफिकेशन, जिसे लिया गया वापस
बुधवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, सामान्य बचत खातों में जमा राशि पर ब्याज दर को चार फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी सालाना कर दिया जाएगा. इसके साथ ही एक वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दर में कटौती की गई थी. पांच वर्ष तक की रिकरिंग डिपॉजिट योजना पर ब्याज दर 5.8 फीसदी से घटाकर 5.3 फीसदी कर दी गई थी.

इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजनाओं पर ब्याज दर को 7.4 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी करने का ऐलान किया गया था. इसी प्रकार से राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र पर भी ब्याज दर घटाई गई थी. पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर को 7.1 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी सालाना कर दिया गया था. एक साल तक की जमा पर ब्याज दर को 5.5 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी तिमाही कर दिया गया था.

 

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